कल्पनाभंग
लघुकथा | डॉ. योगेन्द्रनाथ शुक्लाअमित जी को ग्रामीण अंचल के उस विद्यालय में स्थानांतरित हुए एक सप्ताह ही हुआ था। मध्यांतर में सभी शिक्षक "स्टाफ़ रूम"एकत्रित होकर चाय पिया करते थे। आज जब सभी शिक्षक आ गए तो अमित जी बोले, "मैं बहुत दिनों से देख रहा हूँ की अंतर सिंह जी का कप हम सबसे अलग रहता है... मुझे यह उचित नहीं लगता।"
यह सुनकर कुछ शिक्षक उनसे बहस करने लगे। बात को गंभीर होता देख कर अंतर सिंह जी बोले, "अमित जी! आप मेरा पक्ष कहाँ कहाँ लेंगे? मैं शिक्षक हूँ, लेकिन कुएँ पर मुझे दूर से पानी दिया जाता है! आप ही बताइए, मैं आप लोगों के समान ऊँचे कुल में नहीं जन्मा, तो इसमें मेरा क्या दोष है..??" उनकी आवाज़ भारी हो गई।
इतने में भृत्य चाय की केतली लेकर आ गया और टेबल पर कप जमाने लगा। अंतर सिंह जी अलमारी में रखा अपना कप उठाने को तत्पर हुए।
घबराहट में उनके हाथ से कप छूट गया और उसके टुकड़े -टुकड़े हो गए। कक्ष में एक अजीब सी ख़ामोशी छा गई।
अधिकांश चेहरों पर व्यंग्य भरी मुस्कुराहट देखकर अमित जी का चेहरा क्रोध से तमतमा उठा। वे ज़मीन पर पड़े कप के टुकड़ों को देखने लगे। उन्हें लग रहा था कि शहीदों द्वारा की गई स्वतंत्र भारत की कल्पना मानों चूर-चूर हो गई हो!
इस विशेषांक में
कहानी
- आरक्षण सुनीता मंजू | कहानी
- मन्तर सुनीता मंजू | कहानी
- अंतर्द्वंद्व कावेरी | कहानी
- सुरंग दयानन्द बटोही | कहानी
- ऋण – ऊऋण इला कुमार | कहानी
- प्रवचन डॉ. जयप्रकाश कर्दम | कहानी
- सेमिनार डॉ. रानी कुमारी | कहानी
- स्पोर्टस ट्रायल डॉ. रजनी दिसोदिया | कहानी
- कोढ़िन डॉ. रजनी दिसोदिया | कहानी
- आवरण अजय नावरिया | कहानी
- पफ़ डॉ. टेकचंद | कहानी
- दुर्गी नीरजा हेमेन्द्र | कहानी
कविता
- बहादुर लड़की डॉ. रजत रानी मीनू | कविता
- हम आदिवासी हैं वीना श्रीवास्तव | कविता
- न्याय होगा शोषितों के हाथ वीना श्रीवास्तव | कविता
- मृगतृष्णा की क़ीमत वीना श्रीवास्तव | कविता
- गमलों के सोवनियर वीना श्रीवास्तव | कविता
- श्रेष्ठाणु सतीश खनगवाल | कविता
- नहीं चाहिए रामराज्य सतीश खनगवाल | कविता
- मैं नीच और तुम महान सतीश खनगवाल | कविता
- क्या हम मनुष्य नहीं हो सकते? सतीश खनगवाल | कविता
- घोषणा सतीश खनगवाल | कविता
- जादुई छड़ी कावेरी | कविता
- बाढ़ की विभीषिका कावेरी | कविता
- प्रमथ्यु जाग रहा है दयानन्द बटोही | कविता
- अपना घर दयानन्द बटोही | कविता
- इतिहास दयानन्द बटोही | कविता
- चोट दयानन्द बटोही | कविता
- मेरे सहयोगी दयानन्द बटोही | कविता
- अपनी विवशता दयानन्द बटोही | कविता
- शम्बूक अट्टहास कर रहा है डॉ. रजनी दिसोदिया | कविता
- डर डॉ. टेकचंद | कविता
- प्रेम में घर से भागी लड़कियों की सहेली होना... डॉ. टेकचंद | कविता
- पानी डॉ. टेकचंद | कविता
- प्रेमचंद डॉ. टेकचंद | कविता
- बाँस का बच्चा डॉ. टेकचंद | कविता
- जनेऊतोड़ लेखक डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- कर्तव्य भर नफ़रत डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- थर्मामीटर डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- ब्राह्मणवाद की विष-नाभि की थाह में डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- सुनो द्रोणाचार्य डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- किताब डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- सवेरा बुनती स्त्रियाँ डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- फूलन डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- यात्रा में स्त्री डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- बरनी डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- बुद्ध अगर तुम औरत होते डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- तुम्हारा कोट डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- हमारी कविता डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- गृहणी डॉ. रानी कुमारी | कविता
- प्रश्न डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- लॉक डाउन -3 डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- परख डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- बलिगाथा डॉ. मुकेश मानस | कविता
- क्योंकि मैं अनुसूचित ठहरा! हेमंत कुमार मेहरा | कविता
- हमारी मुलाक़ात डॉ. रजनी दिसोदिया | कविता
- हरिजन ज़हर प्रीति गोविंदराज | कविता
- संघर्ष अभी बाक़ी है... डॉ. श्रवण कुमार सोलंकी | कविता
गीत-नवगीत
साहित्यिक आलेख
- दलित साहित्य और मानवाधिकार डॉ. अनामिका अनु | साहित्यिक आलेख
- साहित्य और आन्दोलन के रिश्ते मोहनदास नैमिशराय | साहित्यिक आलेख
- बिहार-झारखंड में दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य डॉ. मुसाफ़िर बैठा | साहित्यिक आलेख
- समकालीन दलित कविता रेखा पी. मेनोन | साहित्यिक आलेख
- जाति और वर्ण, इतिहास पर पर्दा क्यों? डॉ. रजनी दिसोदिया | साहित्यिक आलेख
- सहानुभूति बनाम स्वानुभूति डॉ. रजनी दिसोदिया | साहित्यिक आलेख
- दलित कहानी की परंपरा डॉ. अरविंद कुमार | साहित्यिक आलेख
- दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र : कुछ विचार डॉ. रेखा सेठी | साहित्यिक आलेख
- भारतीयता की अवधारणा और दलित साहित्य डॉ. जयप्रकाश कर्दम | साहित्यिक आलेख
- कहानियों में प्रतिबिबिंत दलित स्त्री डॉ. सुमित्रा महरोल | साहित्यिक आलेख
- अस्पृश्यता : आधुनिक भारत में प्राचीन रोग डॉ. मनीष गोहिल | साहित्यिक आलेख
- केशव कहि न जाइ का कहिए डॉ. आर.बी. भण्डारकर | साहित्यिक आलेख
शोध निबन्ध
- महामारी के समय में दलित जीवन के संकट : सोशल मीडिया में उसकी प्रस्तुति आशीष कुमार पाण्डेय | शोध निबन्ध
- स्वामी विवेकानंद: दलितोत्थान के मसीहा डॉ. कमल किशोर गोयनका | शोध निबन्ध
- सुशीला टाकभौरे की कहानियों में अभिव्यक्त सामाजिक चेतना डॉ. प्रीती. के. | शोध निबन्ध
- जीवन यथार्थ का दस्तावेज़: जूठन डॉ. नरेश कुमार | शोध निबन्ध
- हिन्दी साहित्य और दलित विमर्श प्रो. रमा | शोध निबन्ध