सवेरा बुनती स्त्रियाँ
कविता | डॉ. रजनी अनुरागीस्त्रियाँ उलझनों में अपना सवेरा बुन रही हैं
रुलाई की सिलाइयों को मज़बूती से पकड़े हुए
चढ़ाती हैं संघर्ष के फन्दों को बड़ी तैयारी से
नाउम्मीदी के दौर में भी डालती हैं
उम्मीदों से भरा एक नया डिज़ाइन
उनकी उँगलियों पर कितने ही घाव हैं
दुखते हाथों से वो कोई सपना बुन रही हैं
पहनाकर किसी को तैयार स्वेटर
वो किसी का जाड़ा चुन रही हैं
वो ख़ुश होती हैं देकर नींद
सुबह का उजाला बुन रही हैं।
उनके चारों तरफ़ गहराने लगी है रात
वो भरी आँखों से कोई आस बुन रही हैं
आग पर पका रही हैं आदिम भूख
वो डाल रही हैं उफनते दूध से पौरुष पर
अपने सपनों का पानी
चक्की में पीस देना चाहती हैं दुख
सुख के आटे की रोटियाँ बेल रही हैं
वो प्यासी ही कोसों चलकर ला रही हैं पानी
और पानी है कि रिस रहा है उनके पैरों के छालों से
वो प्यास बुझा रही हैं अपनी आदिम प्यास लिए
पथरीली ज़मीन पर आहत हैं उनके तन उनके मन
उनके शरीर से बह रहा है नमकीन पसीना
उनके नमक से गल रहा है धरती का खारापन
वो लगातार उस सफ़र में हैं जो उनसे छूट रहा है
वो दुख को भूलते हुए कोई सुख चुन रही हैं।
स्त्रियाँ उलझनों में अपना सवेरा बुन रही हैं॥
इस विशेषांक में
कहानी
- आरक्षण सुनीता मंजू | कहानी
- मन्तर सुनीता मंजू | कहानी
- अंतर्द्वंद्व कावेरी | कहानी
- सुरंग दयानन्द बटोही | कहानी
- ऋण – ऊऋण इला कुमार | कहानी
- प्रवचन डॉ. जयप्रकाश कर्दम | कहानी
- सेमिनार डॉ. रानी कुमारी | कहानी
- स्पोर्टस ट्रायल डॉ. रजनी दिसोदिया | कहानी
- कोढ़िन डॉ. रजनी दिसोदिया | कहानी
- आवरण अजय नावरिया | कहानी
- पफ़ डॉ. टेकचंद | कहानी
- दुर्गी नीरजा हेमेन्द्र | कहानी
कविता
- बहादुर लड़की डॉ. रजत रानी मीनू | कविता
- हम आदिवासी हैं वीना श्रीवास्तव | कविता
- न्याय होगा शोषितों के हाथ वीना श्रीवास्तव | कविता
- मृगतृष्णा की क़ीमत वीना श्रीवास्तव | कविता
- गमलों के सोवनियर वीना श्रीवास्तव | कविता
- श्रेष्ठाणु सतीश खनगवाल | कविता
- नहीं चाहिए रामराज्य सतीश खनगवाल | कविता
- मैं नीच और तुम महान सतीश खनगवाल | कविता
- क्या हम मनुष्य नहीं हो सकते? सतीश खनगवाल | कविता
- घोषणा सतीश खनगवाल | कविता
- जादुई छड़ी कावेरी | कविता
- बाढ़ की विभीषिका कावेरी | कविता
- प्रमथ्यु जाग रहा है दयानन्द बटोही | कविता
- अपना घर दयानन्द बटोही | कविता
- इतिहास दयानन्द बटोही | कविता
- चोट दयानन्द बटोही | कविता
- मेरे सहयोगी दयानन्द बटोही | कविता
- अपनी विवशता दयानन्द बटोही | कविता
- शम्बूक अट्टहास कर रहा है डॉ. रजनी दिसोदिया | कविता
- डर डॉ. टेकचंद | कविता
- प्रेम में घर से भागी लड़कियों की सहेली होना... डॉ. टेकचंद | कविता
- पानी डॉ. टेकचंद | कविता
- प्रेमचंद डॉ. टेकचंद | कविता
- बाँस का बच्चा डॉ. टेकचंद | कविता
- जनेऊतोड़ लेखक डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- कर्तव्य भर नफ़रत डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- थर्मामीटर डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- ब्राह्मणवाद की विष-नाभि की थाह में डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- सुनो द्रोणाचार्य डॉ. मुसाफ़िर बैठा | कविता
- किताब डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- सवेरा बुनती स्त्रियाँ डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- फूलन डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- यात्रा में स्त्री डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- बरनी डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- बुद्ध अगर तुम औरत होते डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- तुम्हारा कोट डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- हमारी कविता डॉ. रजनी अनुरागी | कविता
- गृहणी डॉ. रानी कुमारी | कविता
- प्रश्न डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- लॉक डाउन -3 डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- परख डॉ. पूनम तूषामड़ | कविता
- बलिगाथा डॉ. मुकेश मानस | कविता
- क्योंकि मैं अनुसूचित ठहरा! हेमंत कुमार मेहरा | कविता
- हमारी मुलाक़ात डॉ. रजनी दिसोदिया | कविता
- हरिजन ज़हर प्रीति गोविंदराज | कविता
- संघर्ष अभी बाक़ी है... डॉ. श्रवण कुमार सोलंकी | कविता
गीत-नवगीत
साहित्यिक आलेख
- दलित साहित्य और मानवाधिकार डॉ. अनामिका अनु | साहित्यिक आलेख
- साहित्य और आन्दोलन के रिश्ते मोहनदास नैमिशराय | साहित्यिक आलेख
- बिहार-झारखंड में दलित साहित्य का समकालीन परिदृश्य डॉ. मुसाफ़िर बैठा | साहित्यिक आलेख
- समकालीन दलित कविता रेखा पी. मेनोन | साहित्यिक आलेख
- जाति और वर्ण, इतिहास पर पर्दा क्यों? डॉ. रजनी दिसोदिया | साहित्यिक आलेख
- सहानुभूति बनाम स्वानुभूति डॉ. रजनी दिसोदिया | साहित्यिक आलेख
- दलित कहानी की परंपरा डॉ. अरविंद कुमार | साहित्यिक आलेख
- दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र : कुछ विचार डॉ. रेखा सेठी | साहित्यिक आलेख
- भारतीयता की अवधारणा और दलित साहित्य डॉ. जयप्रकाश कर्दम | साहित्यिक आलेख
- कहानियों में प्रतिबिबिंत दलित स्त्री डॉ. सुमित्रा महरोल | साहित्यिक आलेख
- अस्पृश्यता : आधुनिक भारत में प्राचीन रोग डॉ. मनीष गोहिल | साहित्यिक आलेख
- केशव कहि न जाइ का कहिए डॉ. आर.बी. भण्डारकर | साहित्यिक आलेख
शोध निबन्ध
- महामारी के समय में दलित जीवन के संकट : सोशल मीडिया में उसकी प्रस्तुति आशीष कुमार पाण्डेय | शोध निबन्ध
- स्वामी विवेकानंद: दलितोत्थान के मसीहा डॉ. कमल किशोर गोयनका | शोध निबन्ध
- सुशीला टाकभौरे की कहानियों में अभिव्यक्त सामाजिक चेतना डॉ. प्रीती. के. | शोध निबन्ध
- जीवन यथार्थ का दस्तावेज़: जूठन डॉ. नरेश कुमार | शोध निबन्ध
- हिन्दी साहित्य और दलित विमर्श प्रो. रमा | शोध निबन्ध