आज के हम बच्चे
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता प्रतीक्षा नारायण बडिगेर1 Dec 2020 (अंक: 170, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
हम नन्हे-मुन्हे तारे,
आओ टिमटिमाएँ सारे।
बुराई के अँधेरे का सर्वनाश करें,
मन के छल कपट का सत्यानाश करें।
हम रंग बिरंगी तितलियाँ,
आओ सजायें यह दुनिया।
जहाँ जाति, मत से धरती मैली हुई,
वहाँ एकता का रंग फैला दें।
हम कलियाँ हैं बहुत न्यारी,
खिल जाएँगे तो लगेंगी प्यारी
हवा में मिला दें निस्वार्थ की सुगंध
और मिटा दें स्वार्थ की दुर्गन्ध।
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