आपको आज इक नज़र देखा
शायरी | ग़ज़ल कु. सुरेश सांगवान 'सरू’15 Feb 2021
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आपको आज इक नज़र देखा
फिर कई बार देखकर देखा
ए ग़म-ए-ज़िंदगी तिरे जैसा
और कोई न हमसफ़र देखा
आप समझे नहीं कभी मन की
आप जैसा न बे-ख़बर देखा
ज़िंदगी ख़ाक ज़िंदगी होगी
इश्क़ का रास्ता अगर देखा
उम्र आख़िर गुज़ार दी हमने
ज़िंदगी का नहीं गुज़र देखा
उससे मिलना बहुत ज़रूरी है
ख़्वाब में जिसको दर-बदर देखा
आप जितने हसीं नहीं है हम
लाख हमने सँवर सँवर देखा
मौत ही अब वफ़ा के क़ाबिल है
ज़िंदगी को न मोतबर देखा
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