आया बसंत
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता प्रिया देवांगन ’प्रियू’1 Mar 2020 (अंक: 151, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
आया बसन्त का राजा है, झूम उठे हरियाली।
पेड़ों पर बैठे हैं पंछी, चहके डाली डाली॥
मौर आ गए आमों पर, महक लगे सुहानी।
गीत गाते बच्चे सारे, दादी सुनाये कहानी॥
इतराती है तितली रानी, फूलों पर बैठ जाती।
बड़े मज़े से अपनी धुन में, गीत मधुर है गाती॥
ऋतु लगे बड़ी सुहानी, जब बसन्त आ जाये।
खेलें कूदें बच्चे सारे, पंछी भी चहचहाये॥
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
बाल साहित्य कविता
किशोर साहित्य कविता
लघुकथा
दोहे
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं