आज़ादी
काव्य साहित्य | कविता निर्मल कुमार दे15 Aug 2021 (अंक: 187, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
स्वतंत्रता दिवस की शुभ वेला में,
नमन करते हैं माँ भारती के चरणों में
याद करते हैं देश के नायकों का त्याग,
नमन करते हैं शहीदों को जिनकी ,
शहादत से हम हुए आज़ाद।
सैंतालीस को मिली आज़ादी
सदी तीन चौथाई बीत चली
सपने बहुत हुए हैं पूरे
लेकिन कुछ हैं आज भी अधूरे।
रोटी कपड़ा और मकान तक
सीमित क्यों रखें अपने को हम
विश्व के दरबार में अब
चलो बनते हैं सरताज हम।
जन-जन के लिए हम काम करें
हर भारतीय का सम्मान करें
क़सम खाते हैं तिरंगे की
कभी भी हम बेईमान न बनें।
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