अधीरता
कथा साहित्य | लघुकथा भगवान अटलानी1 Apr 2021
वरिष्ठ लेखक ने समाचार पत्र के साहित्य परिशिष्ट के सुपरिचित अपेक्षाकृत युवा प्रभारी सम्पादक को व्हाट्सएप पर संदेश भेजा, “रचना प्रकाशित हुए चार महीने हो गये हैं। लगता है, पारिश्रमिक अब तक नहीं भेज पाये हैं!”
उत्तर नहीं आया मगर अगले दिन चैक मिल गया। सौजन्यवश व्हाट्सएप पर जानकारी और धन्यवाद लिख भेजा। तुरन्त जवाब आया, “अधीरता मुबारक हो!”
सौजन्य प्रदर्शन ग़लत था या तक़ाज़ा, लेखक महोदय समझ नहीं पा रहे हैं।
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