अगर कृष्ण ना होते
काव्य साहित्य | कविता कौस्तुभ मिश्रा1 Aug 2020 (अंक: 161, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
कृष्ण ना होते तो माखन चुराता कौन,
इतनी मधुर बाँसुरी बजाता कौन,
गोपियों संग रास रचाता कौन,
कृष्ण-सुदामा की मित्रता निभाता कौन,
अगर कृष्ण न होते...
मीरा में भक्ति जगाता कौन,
राधा को प्रेम की प्रतिमा बनाता कौन,
द्रोपदी की लाज बचाता कौन,
गोकुल की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत उठाता कौन
अगर कृष्ण ना होते...
अर्जुन को मार्ग दिखाता कौन,
कर्म पर गीता सुनाता कौन,
कंस वध कर कंसारी कहलाता कौन,
अगर कृष्ण ना होते...
मानव का उद्धार कराता कौन,
विश्वभर में पूजा जाता कौन,
प्रेम को अमर बनाता कौन
अगर कृष्ण ना होते...
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