आया नव वर्ष आया
काव्य साहित्य | कविता विजय कुमार सप्पत्ति3 May 2012
आया नव वर्ष, आया आपके द्वार
दे रहा है ये दस्तक, बार बार !
बीते बरस की बातों को, दे बिसार
लेकर आया है ये, खुशियाँ और प्यार !
खुली बाहों से स्वागत कर, इसका यार
और मान, अपने ईश्वर का आभार !
आओ, कुछ नया संकल्प करें यार
मिटायें, आपसी बैर, भेदभाव, यार !
लोगों में बाँटें, दोस्ती का उपहार
और दिलो में भरे, बस प्यार ही प्यार !
अपने घर, समाज, और देश से करें प्यार
हम सब एक है, ये दुनिया को बता दे यार !
कोई नया हुनर, आओ सीखें यार
ज़माने को बता दें, हम क्या हैं यार !
आप सबको, है विजय का प्यारा सा नमस्कार
नव वर्ष मंगलमय हो, यही है मेरी कामना यार !
आया नव वर्ष, आया आपके द्वार
दे रहा है ये दस्तक, बार बार !
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