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बच्चों के व्यक्तित्व को तराशती बाल कहानियों का अनोखा दस्तावेज है ‘दादाजी की चौपाल’

पुस्तक  : दादाजी की चौपाल (बाल कथा संग्रह)
लेखक  : ललित शौर्य
प्रकाशक : उत्कर्ष प्रकाशन, 142, शाक्यपुरी, कंकरखेड़ा, मेरठ (उ.प्र.)  
मूल्य   : 160 रुपए

देश के विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से ललित शौर्य के व्यंग्य, लघुकथा, बाल कहानी एवं कविताओं का प्रकाशन हो रहा हैं। दादाजी की चौपाल बाल कथा संग्रह से पहले लेखक का एक कविता संग्रह प्रकाशित हुआ है और इन्होंने छह संयुक्त काव्य संग्रहों का सम्पादन किया है। ललित अभी तक 250 से अधिक बाल कहानियाँ लिख चुके हैं। वे बाल साहित्य के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। इनकी बाल कथाएँ राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित हो रही हैं। 

दादाजी की चौपाल बाल कहानी संग्रह में लेखक द्वारा 19 बाल कथाओं का समावेश किया गया है। इस संग्रह की शीर्षक रचना दादाजी की चौपाल में दादाजी ने ओजस और उसके साथियों को स्वच्छता की महत्ता बताई। मोहल्ले की बैसाखी कथा में शांतिपुर मोहल्ले के बच्चे बैसाखी पर सांस्कृतिक संध्या का आयोजन करते हैं, इसमें मोहल्ले के रामदीन, जो एक किसान हैं, को मुख्य अतिथि बनाते हैं और उनका सम्मान करके सभी लोगों को आश्चर्यचकित कर देते हैं। हैप्पी मदर्स डे शरारती बालक चंदू की कथा है। चंदू की शरारतों से उसकी मम्मी हमेशा परेशान रहती थी लेकिन मदर्स डे पर वह किस प्रकार बदल जाता है और शरारतें करना बंद कर देता है, यह तो आप पुस्तक पढ़कर ही समझ सकेंगे। इस बाल कथा संग्रह की अन्य रचनाएँ हनी बी की होशियारी, मैं भी फौजी बनूँगा, सकारात्मक सोच का जादू, जन्मदिन पर संकल्प, धरती रही पुकार, किट्टू कबूतर की होशियारी, फास्टफूड का कीड़ा, प्रियांशी का बुखार, अप्रैल फूल डे पर सबक, साधू महाराज की सीख, पृथ्वी के रक्षक, कन्नू और कक्कू, मजदूर एकता जिंदाबाद, सफलता के सूत्र, दादाजी की सीख, जंगल पार्टी बच्चों को सीख देने वाली जीवनोपयोगी कहानियाँ हैं।

इस पुस्तक में संकलित लेखक की रचनाएँ 5 से 10 वर्ष तक के बच्चों की समस्याओं का निवारण कर रचनात्मक रास्ता सुझाती हैं। ललित शौर्य के पास ग़ज़ब की शिल्प सामर्थ्य है। बाल मनोविज्ञान की गहरी समझ उन्हें अन्य कथाकारों से अलग करती है। हर कहानी में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से कोई सन्देश मौजूद है। पूरी किताब का उद्देश्य बच्चों में अच्छी आदतों का विकास करना है। आकर्षक रंगीन चित्रों से युक्त सभी कहानियाँ पाठकों को बाँधे रखती है। लेखक की बाल कथाएँ चित्रकथा जैसा आनंद देती है। इस संग्रह की सभी कहानियाँ बच्चों की रुचि को ध्यान में रखकर लिखी गई हैं। इस संकलन की बाल कथाओं में आत्मीयता के अनेक रंग मौजूद है। यह बाल कथा संग्रह सभी वयस्क लोगों के लिए भी अनमोल ख़ज़ाना है जो बच्चों को कहानियाँ सुनाते हैं और जिनका स्टॉक ख़त्म हो चुका है। ललित शौर्य की रचनाएँ शिक्षाप्रद हैं, जिन्हें पढ़कर बच्चों में संस्कार, चेतना, संवेदना, जागरूकता और पर्यावरण के प्रति सजगता उत्पन होती है। यह बाल कथा संग्रह बच्चों और वयस्क पाठकों द्वारा बहुत पसंद किया जा रहा है। ललित शौर्य ने बाल साहित्य को समृद्धि प्रदान की है।

दीपक गिरकर
समीक्षक
28-सी, वैभव नगर, कनाडिया रोड,
इंदौर- 452016
मोबाइल : 9425067036
 

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