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भुवनेश्वरी पाण्डे – हाइकु – 001

1.
इतने पास
तुम्हारी सुगंध है
मेरी सासों में
2.
अचानक से 
फूल महके मेरे
आस‌पास में
3.
हम आवारा
कहाँ के, कहाँ आए 
मत पछता
4.
सारा शहर 
तेरे बिना बेगाना 
आ भी जा यार 
5.
टूटी दीवारें 
सिलवटी चादर 
बेहाल तन। 
6.
चौखट तेरी 
आँसुओं का दरिया 
खोलो भी द्वार
7.
किताबें रोतीं
क़लम आँसू लिखें 
दिल कराहे
8.
तू तो सोत है 
हर दम नज़र
हमारा क्या है
9.
रात्रि की गोद
स्वप्न अटखेलियाँ
रंग ही रंग
10.
परम शांत 
वृक्ष सब सहते
पूर्णतः मौन
11.
गूंथ लें मन
भावों की मालिकाएँ
अर्पित कर
12.
भूलता जाए
तू सदा सुख पाए
प्रेम पाएगा
13.
दृष्टि से खींचा 
न जाने किधर को 
ले कर चले।
14.
पा लूँ मैं प्यार
सब जतन करूँ
नटवर जी
15.
पीछे का छूटा
सँवार दिन रैन
आगे का देख
16.
धुँध छटा के
निर्मल बना दे तू
हिय कमल
17.
कोमल दिल
धीरे से आइयेगा 
पलकें मूँदूँ
18.
प्रत्यक्ष आओ
विश्वास करो मेरा 
पूरी तुम्हारी

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