बिटिया मेरी है फुलवारी
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. उमेश चन्द्र सिरसवारी1 Jun 2019
बिटिया मेरी सबसे न्यारी,
मेरे आँगन की, है फुलवारी।
जब मैं घर में आता हूँ,
भर किलकारी हँसती है।
लाना मुझको छोटी गुड़िया,
झट गोदी आ जाती है।
खिल उठता है घर-आँगन,
जब उछल-उछलकर चलती है।
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