चाँद तारों का सफ़र कर लें हम
शायरी | ग़ज़ल चंपालाल चौरड़िया 'अश्क'1 Mar 2019
चाँद तारों का सफ़र कर लें हम
इन नज़ारों का सफ़र कर लें हम
सदा-बहार यहाँ का मौसम
इन बहारों का सफ़र कर लें हम
सूरज आग का गोला है एक
इन शरारों का सफ़र कर लें हम
बड़ा सकून यहाँ पर है ’अश्क’
ग़म-ग़ुसारों का सफ़र कर लें हम
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