छन्न पकैया : कोरोना
बाल साहित्य | किशोर साहित्य कविता प्रिया देवांगन ’प्रियू’15 Sep 2020 (अंक: 164, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
छन्न पकैया छन्न पकैया, आया है कोरोना
बच्चे बूढ़े घर में बैठे, शुरू हुआ है रोना॥
छन्न पकैया छन्न पकैया, अपना मुँह छुपायें।
बन्द हो गया आना जाना, दूरी सभी बनायें॥
छन्न पकैया छन्न पकैया, गर्म पियो सब पानी।
करो नीम तुलसी का सेवन, इससे है ज़िंदगानी॥
छन्न पकैया छन्न पकैया, मुँह पर मास्क लगाना।
कोरोना का काल चल रहा, सभी स्वच्छ अपनाना॥
छन्न पकैया छन्न पकैया, घर का भोजन खाना।
दूध दही का सेवन करना, तन को स्वस्थ बनाना॥
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