देवदासी
अनूदित साहित्य | अनूदित कविता डॉ. नितिन पाटील21 Feb 2019
(कविता संग्रह - गोधड़ - 2006)
(मराठी आदिवासी कवि वाहरु सोनवणे की कविता का अनुवाद)
अनुवाद: नितिन पाटील
एक मुल्क
जहाँ भगवान के नामपर बेटियों को छोड़ देते हैं,
जैसे मुर्गी और बकरियाँ
जवान होते होते
बाजू पकड़
किसी कोने जाकर
भोग लो, कौन देखेगा?
ना घर ना दार
भगवान की बकरियाँ
देवदासी उन्हें कहते हैं
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