दुआ
काव्य साहित्य | कविता रचना श्रीवास्तव13 Mar 2014
सूखे से तरसी आँखों ने
माँगी दुआ वर्षा की
पानी बरसा और...
बरसता ही चला गया
सब कुछ बहा गया
कुछ यूँ कबूल होती है
दुआ ग़रीबों की
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