एकान्त चाहिये
काव्य साहित्य | कविता सुधेश1 Apr 2015
एकान्त चाहिये मुझे
अकेलापन नहीं
क्योंकि एकान्त है मन की एकाग्रता
और मन का उचटना
सब से कटना है अकेलापन।
एकान्त रचता है
पर अकेला चना भाड़ नहीं भूँजता।
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