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एमिली ब्राँटे का कालजयी उपन्यास : वुदरिंग हाइट्स

आहत प्रेमी की पीड़ा से उपजे प्रतिशोध की मार्मिक गाथा : वुदरिंग हाइट्स

"वुदरिंग हाइट्स" इंग्लैंड की अभिशप्त लेखिका "एमिली जेन ब्राँटे" (1818-1848) द्वारा रचित एक मात्र उपन्यास है। एमिली ब्राँटे ने इस अनूठे उपन्यास की रचना 1845 से 1846 के मध्य की जो सन् 1847 में एलिस बेल के छद्म-नाम से प्रकाशित हुई। प्रकाशन के साथ ही यह इंग्लैंड के साथ-साथ सारे विश्व में अंग्रेज़ी की क्लासिक कृति के रूप में समादृत हुई। इस उपन्यास का द्वितीय संस्करण एमिली ब्राँटे के मरणोपरांत उसकी बहन शार्लट ब्राँटे के द्वारा संपादित किया गया और सन् 1850 में प्रकाशित हुआ। एमिली ब्राँटे का जन्म 30 जुलाई 1818 को उत्तरी इंग्लैंड में यॉर्कशायर के एक छोटे से गाँव, थोर्नटन में हुआ था। एमिली के शैशव काल में ही उसकी माँ का निधन हो गया। आइरिश पिता पैट्रिक ब्राँटे ने ग़रीबी और अभावों के बीच एमिली और उसकी दो बहनों, शार्लट और ऐन को पाल-पोस कर बड़ा किया। एमिली की दो अन्य बहनें, मारिया और एलिज़ाबेथ, दोनों बाल्यावस्था में ही चल बसी थीं। एमिली, शार्लट और ऐन तीनों बहनों का जीवन आर्थिक अभाव और संघर्ष के बीच गुज़रा। वे ग़रीबी और अभावों के कारण लोगों का अपमान और तिरस्कार झेलते रहे। शार्लट, एमिली और ऐन तीनों ने उपन्यास एवं काव्य रचना के द्वारा अंग्रेज़ी साहित्य में विशेष पहचान बनाई। एमिली की भाँति शार्लट भी अपने एक मात्र उपन्यास "जेन आयर" से विश्व प्रसिद्ध हो गईं। एमिली और शार्लट दोनों ही क्षय रोग से 30-31 वर्ष की आयु में संसार से कूच कर गईं। एमिली ब्राँटे की वुदरिंग हाइट्स और शार्लट ब्राँटे की जेन आयर, ये दोनों ही उपन्यास मनुष्य की संवेदना, प्रेम की पीड़ा और त्रासदी को संजीदगी के साथ चित्रित करते हैं। 

"वुदरिंग हाइट्स" एमिली ब्राँटे का पहला और अंतिम उपन्यास है। इस उपन्यास के प्रकाशन के एक वर्ष बाद ही 19 दिसंबर 1848 को एमिली की मृत्यु हो गई। 

इंग्लैंड का विक्टोरियन युग का उपन्यास साहित्य रोमानी और त्रासद प्रेमकथाओं से भरा हुआ है। एमिली ब्राँटे और शार्लट ब्राँटे भी विक्टोरियन युग की रोमानी कथाकार हैं जिनके उपन्यासों में यॉर्कशायर काउंटी के उस प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन है जिसमें वहाँ की प्रकृति मानवीय संवेदनाओं को व्यक्त करती है। यहाँ के पहाड़ी उतार-चढ़ावों और दूर तक फैले घास से ढँके विस्तृत भू-भागों पर पत्थरों की रहस्यमय कोठियाँ और हवेलियाँ डर और रोमांच पैदा करती हैं और साथ ही इनमें छिपे रहस्यों के प्रति कौतूहल जगाती हैं "वुदरिंग हाइट्स" उस मध्ययुगीन गोथिक शैली में निर्मित इमारत का नाम है जो आबादी से दूर निर्जन एकांत में पथरीले टीलों और दलदलों के बीच ऊँची पहाड़ी पर खड़ी है। यह इमारत साक्षी है कथा नायक हीथक्लिफ़ के जीवन संघर्ष और उसकी असफल प्रेम कहानी का। "वुदरिंग हाइट्स" दु:खों और यातनाओं का गढ़ है, मनुहूसियत और अकेलेपन का प्रतीक है। इस इमारत के चारों ओर पसरी हुई निर्जनता और सूनापन मौसम के साथ और भी गहराता जाता है। इसके इर्दगिर्द दूर-दूर तक फैली पहाड़ियों पर उतरने वाले काले बादलों के साये हमेशा बेचैनी, उदासी और भय पैदा करते हैं। एमिली ब्राँटे का रचना कौशल इस उपन्यास के चित्रात्मक वर्णन में दिखाई देता है। "वुदरिंग हाइट्स" गहन त्रासद उपन्यास है जिसमें एक जुनूनी प्रेम अपने चरम पर पहुँचकर विफल होकर, हिंसा और प्रतिशोध की पराकाष्ठा को छू लेता है। वुदरिंग हाइट्स, कथा-नायक हीथक्लिफ के ठुकराए प्रेम से उपजी प्रतिशोध की कहानी है, इसे लेखिका ने कथावाचन (नेरेटिव) शैली में प्रस्तुत किया है। 

इस उपन्यास की लोकप्रियता ने हॉलीवुड के फ़िल्मकारों का ध्यान आकर्षित किया। सन् 1939 में इस उपन्यास पर पहली बार फ़िल्म बनी जिसे दर्शकों ने सराहा लेखिका ने उपन्यास के कथानक को गढ़ते समय घटनाओं के काल का भी उल्लेख किया है। इस उपन्यास की कहानी का काल 1801 है। उपन्यास का आरंभ "वुदरिंग हाइट्स" में घटित एक रोमांचकारी घटना से होता है। लॉकवुड नामक एक अमीर, दक्षिणी इंग्लैंड से यॉर्कशायर के एकांत और प्रशांत वातावरण में स्थित "थ्रशक्रॉस ग्रेंज" नामक भवन को किराये पर लेकर वहाँ निवास करने के लिए आता है। वह इस भवन के मालिक "हीथक्लिफ़" से भेंट करने के लिए एक आँधी और तूफ़ानी रात में पहाड़ी की चढ़ाई चढ़कर हाँफता हुआ "वुदरिंग हाइट्स" पहुँचता है। वह उस इमारत के मालिक हीथक्लिफ़ से पहली बार मिलता है। उसे हीथक्लिफ़ का व्यवहार अस्वाभाविक और कठोर लगता है। हीथक्लिफ़ उसे वहाँ से फौरन चले जाने के लिए कहता है। लॉकवुड उस तूफ़ानी रात में बाहर निकलने के डर से उस रात वहीं ठहरने की इजाज़त माँगता है। उस घर का नौकर उसे हवेली के ऊपर की एक कोठरी खोलकर उसमें उसे सोने के लिए छोड़कर चला जाता है। लॉकवुड मोमबत्ती की रोशनी में वहाँ धूल खाती हुई मेज पर पड़ी क़िताबें और डायरी देखता है जिस पर "कैथरीन" लिखा हुआ था। वह सोने की कोशिश करता है लेकिन बाहर की तेज़ तूफ़ानी हवाओं के थपेड़े कोठरी की खिड़की पर चोट करती हैं। लॉकवुड बेचैन होकर खिड़की को बंद करने के लिए उठता है, जैसे ही वह खिड़की खोलता है तो उसे काँच में से बाहर एक ख़ूबसूरत औरत की धुँधली आकृति उसकी ओर हाथ बढ़ाती हुई दिखाई देती है। वह आकृति अपने दोनों हाथों को खिड़की के भीतर डालर लॉकवुड के हाथों को पकड़ लेती है और उसे खिड़की खोलने के लिए कहती है जिससे कि वह कमरे में प्रवेश कर सके। वह कहती है कि उस कमरे में प्रवेश करने के लिए वह बीस बरसों से इंतज़ार कर रही है। लॉकवुड काँप जाता है और अपने हाथों को उस आकृति से छुड़ाकर चीखता है। उसकी चीख सुनकर नीचे से हीथक्लिफ़ वहाँ आ जाता है। लॉकवुड उस घटना को हीथक्लिफ़ को सुनाता है। हीथक्लिफ़ उसे डाँटकर वहाँ से निकाल बाहर करता है। लॉकवुड को हीथक्लिफ़ और वुदरिंग हाइट्स का रहस्य समझ में नहीं आता। दूसरे दिन हीथक्लिफ़, लॉकवुड को थ्रशक्रॉस ग्रेंज छोड़ आता है। थ्रशक्रॉस ग्रेंज भवन पहुँचकर लॉकवुड वुदरिंग हाइट्स और थ्रशक्रॉस ग्रेंज में उस परिवार की बरसों से देखभाल करने वाली प्रौढ़ औरत, नेल्ली डीन से वुदरिंग हाइट्स परिवार की कहानी सुनाने के लिए अनुरोध करता है। तब नेल्ली डीन जो तीस सालों से वुदरिंग हाइट्स के परिवार की सेविका थी और जो उस परिवार के हर सदस्य के जीवन को जानती थी, वह बीते तीस वर्षों की घटनाओं का वर्णन करती है। यह कहानी कई ज़िंदगियों के विनाश की कहानी है, यह कहानी मनुष्य के चारित्रिक उत्थान और पतन की कहानी है। इंग्लैंड के विक्टोरिया युगीन सामाजिक मूल्यों की कहानी है जिसमें धनी अभिजात और ग़रीब के बीच का वर्ग संघर्ष है।

नेल्ली डीन वुदरिंग हाइट्स की कहानी तीस वर्ष पहले की घटनाओं से शुरू करती है। वुदरिंग हाइट्स में अर्नशॉ नामक एक धनी व्यक्ति का सुखी परिवार बसता था। अर्नशॉ अपने बेटे हिंड्ले और बेटी कैथरीन से बहुत प्यार करते थे। हमेशा की तरह एक सप्ताहांत में अर्नशॉ लीवरपूल जाकर लौटते समय अपने साथ एक अनाथ बालक को अपने साथ ले आते हैं और उसे अपने परिवार में शामिल कर लेते हैं। वे अपने बच्चों को भी उस अनाथ बालक से आत्मीयता का व्यवहार करने की सीख देते हैं। अर्नशॉ उस बालक को हीथक्लिफ़ नाम देते हैं और उसका भी पालन-पोषण अपने बच्चों के साथ ही करते हैं। अर्नशॉ के पुत्र हिंड्ले को अपने पिता का हीथक्लिफ़ के प्रति स्नेह नहीं सुहाता। वह हीथक्लिफ़ से ईर्ष्या और नफ़रत करने लगता है। किन्तु इसके विपरीत उसकी बहन कैथरीन को हीथक्लिफ़ अच्छा लगता है, उसमें हीथक्लीफ़ के प्रति करुणा और प्रेम का भाव जागता है और उनमें दोस्ती और आत्मीयता बढ़ने लगती है। वे दोनों यॉर्कशायर की पहाड़ियों में घोड़े दौड़ाते, और दूर फैले चट्टानों और भीगे घास की हरियाली के एकांत में डूब जाते थे। हिंड्ले को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अर्नशॉ उसे शहर भेज देते हैं। कुछ बरसों के बाद जब अर्नशॉ की मृत्यु हो जाती है तब हिंड्ले पत्नी फ्रांसिस के साथ वुदरिंग हाइट्स वापस आकर अपने पिता की संपत्ति को हथिया लेता है। वह वुदरिंग हाइट्स का मालिक बन जाता है और फौरन हीथक्लिफ़ को घर का घोषित कर उसे अन्य नौकरों के साथ रहने के लिए अस्तबल में धकेल देता है। हीथक्लिफ़ के लिए जो घृणा उसमें पहले से मौजूद थी उसके परिणाम स्वरूप वह उस पर हर तरह का अत्याचार करता है। वह क़दम-क़दम पर हीथक्लिफ़ को अपमानित और प्रताड़ित करता है ताकि वह उसका घर छोड़कर भाग जाए। भाई के इस अत्याचार से कैथरीन बहुत दुःखी हो जाती है। वह हीथक्लिफ के दर्द में शामिल हो जाती है, उसे सांत्वना देती है। उसे विश्वास दिलाती है की एक न एक दिन उसके दुखों का अंत होगा। हीथक्लिफ़ के लिए कैथरीन ही सर्वस्व थी, वही उसके जीवन का आधार बन चुकी थी, वह उससे प्रेम करता था, इसलिए वह कैथरीन को छोड़कर नहीं जा सकता था। कैथरीन के प्रेम की ख़ातिर वह हिंड्ले के हर अत्याचार को सहता जाता था। लेकिन उसके भीतर हिंड्ले से अपने अपमान का बदला लेने का भाव जाग उठा था। उसे आभास हो चुका था कि उसकी ग़रीबी और दरिद्रता उसे कैथरीन-हिंड्ले के अभिजात समाज में प्रवेश नहीं करने देगी। जब हीथक्लिफ दुःखी हो जाता तो वे दोनों वुदरिंग हाइट्स से दूर फैली पहाड़ियों के एकांत में एक दूसरे में समा जाते और अपने दुखों को भूल जाते। वे चट्टानें हर मौसम में उनके प्रेम की साक्षी बनती हैं। वे वहाँ जीवन भर साथ निभाने की क़समें खाते हैं और प्रकृति के बदलते रूपों को निहारते रहते हैं। हीथक्लिफ़ की दीनता के प्रति कैथरीन जितनी संवेदनशील थी उसे अपने आभिजात-वर्ग से भी उतना ही लगाव था। कैथरीन के स्वभाव में विशेष प्रकार का दोहरापन भी मौजूद था जो उसके लिए आगे चलकर घातक हो जाता है।

वुदरिंग हाइट्स से कुछ दूरी पर "थ्रशक्रॉस ग्रेंज" नामक हवेली में "लिंटन" परिवार निवास करता था। यहाँ रोज़ मौज-मस्ती और नाच-गाना होता था। लिंटन और हिंड्ले परिवारों में औपचारिक संबंध मात्र थे। एक रात हीथक्लिफ़ और कैथरीन, थ्रशक्रॉस ग्रेंज में चल रहे जश्न को देखने के लिए जाते हैं। रात के अँधेरे में छिपकर वे दोनों दीवार पर चढ़कर खिड़की से भीतर झाँक रहे होते हैं और पकड़े जाते हैं। उस इमारत के पहरेदार कुत्ते कैथरीन का पैर दबोच लेते हैं जिससे कैथरीन जख़्मी हो जाती है। लिंटन परिवार कैथरीन को पहचानकर उसे उठाकर स्नेहपूर्वक अंदर ले जाते हैं और इलाज करवाते हैं। वे हीथक्लिफ़ को नौकर मानकर भगा देते हैं। वह अपमानित होकर वुदरिंग हाइट्स लौट आता है। लिंटन परिवार कैथरीन को कुछ दिनों के लिए थ्रशक्रॉस ग्रेंज में रखकर उसकी देखभाल करते हैं। थ्रशक्रॉस ग्रेंज इस कहानी का दूसरा केंद्र है जहाँ एड्गर लिंटन और उसकी बहन इसाबेल्ला दोनों विलासपूर्ण जीवन जीते हैं। एड्गर-लिंटन कैथरीन की सुंदरता और स्वभाव से प्रभावित होकर उसके प्रति आकर्षित होता है। कैथरीन थ्रशक्रॉस ग्रेंज में कुछ दिन रहकर अपने घर लौट आती है। उसे लिंटन के घर-परिवार का वातावरण आकर्षित करता है। वह अपने अत्याचारी भाई के दुर्व्यवहार से ऊब चुकी थी। एड्गर लिंटन धीरे-धीरे कैथरीन से निकटता बढ़ाने के लिए अक्सर वुदरिंग हाइट्स आने लगता है। एड्गर और कैथरीन में नज़दीकियाँ बढ़तीं जाती हैं। 

एक रात कैथरीन थ्रशक्रॉस ग्रेंज की दावत से प्रसन्न मुद्रा में घर लौटती है। वह अपनी सहेली समान, नेल्ली डीन के सम्मुख अपनी ख़ुशी व्यक्त करती है। वह आवेश में नेल्ली को बताती है कि एड्गर लिंटन ने उससे विवाह का प्रस्ताव किया है, जिसे उसने स्वीकार कर लिया है, क्योंकि वह हीथक्लिफ को ग़रीबी के कारण विवाह नहीं कर सकती। नेल्ली यह सुनकर उससे हीथक्लिफ के बारे में पूछती है तो वह हीथक्लिफ के प्रति अपने प्रेम को भी स्वीकार करती है और कहती है कि हीथक्लिफ के प्रेम के सम्मुख एड्गर का प्रेम कुछ नहीं। इस वार्तालाप के आधे हिस्से को ही हीथक्लिफ सुन पाता है वह कैथरीन की पूरी बात बिना सुने ही आहत होकर भावावेग में बारिश और तेज़ हवाओं के बीच अँधेरी रात में वुदरिंग हाइट्स छोड़कर चला जाता है। कैथरीन को जब पता चलता है कि हीथक्लिफ ने उसकी बातें सुन ली हैं तो वह उसे रोकने के लिए वर्षा की अँधेरी रात में दौड़ती हुई उसे ढूँढती है लेकिन हीथक्लिफ उसके जीवन से ओझल हो चुका था। कैथरीन का अंतर्द्वंद्व उसे ले डूबता है। 

कहानी का यह मोड़ कैथरीन और हीथक्लिफ के जीवन में भूचाल पैदा कर देता है। यहाँ से कहानी एक सर्वनाशक मोड़ ले लेती है। यह घटना हीथक्लिफ और कैथरीन दोनों के जीवन को रातों-रात ध्वस्त कर देती है। 

हीथक्लिफ के इस तरह चले जाने से कैथरीन टूट जाती है, वह स्वयं को दोषी मानती हुई आत्मपीड़न से ग्रस्त होकर बीमार पड़ जाती है। नेल्ली और एड्गर उसे व्याकुल मानसिकता से निकालकर सामान्य स्थिति में लाने की भरसक कोशिश करते हैं। 

समय अपनी गति से चलता है, तीन वर्षों में वुदरिंग हाइट्स और थ्रशक्रॉस ग्रेंज में स्थितियाँ पूरी तरह बदल जाती हैं। एड्गर और कैथरीन का विवाह हो जाता है और वे थ्रशक्रॉस ग्रेंज में सामान्य जीवन जीने लगते हैं। इसके छ: महीनों बाद अचानक हीथक्लिफ, थ्रशक्रॉस ग्रेंज में बहुत अमीर, सुशिक्षित और अभिजात वेषभूषा में प्रकट होता है। कैथरीन उसे नए रूप में देखकर प्रसन्न होती है किन्तु एड्गर खुश नहीं होता। इतने बरसों बाद हीथक्लिफ धन और मान-सम्मान हासिल कर कैथरीन को पाने के लिए वुदरिंग हाइट्स लौटता है किन्तु उसे जब कैथरीन के विवाहित होने की जानकारी मिलती है तो वह कैथरीन की बेवफ़ाई पर हिंसक हो उठता है। कैथरीन को वह एड्गर लिंटन की पत्नी के रूप में कल्पना नहीं कर सकता था। हीथक्लिफ के मन-मस्तिष्क में कैथरीन के प्रति हिंसात्मक प्रतिकार का भाव जाग उठता है। उसके मन में कैथरीन से जुड़े हरेक व्यक्ति को ख़त्म कर देने की तूफ़ानी लहर उठती है। वह कैथरीन के प्रति हिंसा और बदले की भावना से बेक़ाबू हो जाता है। वह एड्गर लिंटन का सर्वनाश करने की ठान लेता है। वह कैथरीन को ठेस पहुँचाने के लिए एड्गर की बहन इसाबेल्ला को अपने झूठे प्रेम जाल में फाँस लेता है। कैथरीन के मन में वह ईर्ष्या और संदेह का बीज बो देता है। थ्रशक्रॉस ग्रेंज में इसाबेल्ला और हीथक्लिफ के बढ़ते संबंधों के कारण अशांति और तनाव व्याप्त होने लगता है। एड्गर और हीथक्लिफ में इसाबेल्ला को लेकर झड़प और हाथापायी हो जाती है। कैथरीन पर इन स्थितियों का बुरा असर होने लगता है और वह फिर से मनोवेदना से ग्रस्त होकर मृत्यु के निकट पहुँच जाती है। 

हीथक्लिफ अपने अर्जित धन से कर्ज़ में डूबे और दुर्व्यसनों में लिप्त हिंड्ले से वुदरिंग हाइट्स ख़रीदकर मालिक बन जाता है। वह हिंड्ले से बदला लेने के लिए वह उसको भयानक यातनाएँ देता है। हीथक्लिफ एक दिन इसाबेल्ला लिंटन से विवाह कर लेता है और वे वुदरिंग हाइट्स में रहने लगते हैं। 

हीथक्लिफ को कैथरीन के मरणासन्न होने की ख़बर मिलती है। वह नेल्ली की मदद से, एड्गर की अनुपस्थिति में कैथरीन को देखने के लिए थ्रशक्रॉस ग्रेंज पहुँच जाता है। वह कैथरीन को मरणासन्न अवस्था में गले लगा लेता है। दोनों एक दूसरे के आलिंगन में कुछ क्षणों के लिए अपना खोया हुआ प्यार पा लेते हैं। हीथक्लिफ, कैथरीन को मरने नहीं देना चाहता था। किन्तु कैथरीन एक लड़की को जन्म देकर मर जाती है। इस तरह कैथरीन का जीवन हीथक्लिफ के प्यार और नफ़रत के बीच चकनाचूर होकर ख़त्म हो जाता है। 

कैथरीन की मृत्यु के बाद इसाबेल्ला, हीथक्लिफ के असली रूप को पहचान पाती है। हीथक्लिफ तो उसे प्यार में धोखा खाने से जो दर्द होता है उसे बताना चाहता था। उसे कैथरीन से जो दुःख और दर्द मिला था वही दुःख और दर्द इसाबेल्ला को पहुँचाकर वह अपनी संतुष्ट होना चाहता है। तब हीथक्लिफ से डरकर इसाबेल्ला उससे अलग होकर दक्षिणी इंग्लैंड में रहने लगती है जहाँ वह एक लड़के को जन्म देती है। 

कैथरीन की मृत्यु के छ: महीने बाद हिंड्ले की भी दयनीय स्थिति में मृत्यु हो जाती है। हीथक्लिफ के मन में अपराधबोध जागता है वह कैथरीन की मृत्यु के लिए स्वयं को दोषी मानने लगता है। वह अपराध बोध के कारण असह्य मानसिक यातना का अनुभव करने लगता है। वह आत्मपीड़न और परपीड़न दोनों मानसिक विकृतियों से ग्रस्त हो जाता है। कैथरीन की मृत्यु का बदला वह हर किसी से लेना चाहता है। उसे वुदरिंग हाइट्स के इर्दगिर्द कैथरीन की भटकती रूह दिखाई देती रहती है। 

ऐसे ही बारह वर्ष बीत जाते हैं। थ्रशक्रॉस ग्रेंज में कैथरीन की बेटी कैथी, उमंग और उल्लास से भरपूर किशोरावस्था में प्रवेश करती है। एड्गर को बहन इसाबेल्ला के मरणासन्न होने की सूचना मिलती है। वह उसके पुत्र "लिंटन" को थ्रशक्रॉस ग्रेंज लाने के लिए चला जाता है। एड्गर की अनुपस्थिति में कैथी घोड़े पर सवार होकर आसपास की पहाड़ियों में घूमती-फिरती कौतूहल से वुदरिंग हाइट्स पहुँच जाती है। उसे पता चलता है कि उसके दो भांजे हैं एक हैरटन (हिंड्ले-फ्रांसिस का बेटा) और दूसरा लिंटन (हीथक्लिफ-इसाबेल्ला का बेटा)। वहाँ वह पहली बार हीथक्लिफ को देखती है और सहम जाती है। वह हीथक्लिफ को एड्गर के, इसाबेल्ला के पुत्र लिंटन को लाने के लिए जाने की ख़बर देती है। एड्गर, बीमार और कमज़ोर बालक लिंटन को अपने साथ ले आता है थ्रशक्रॉस ग्रेंज में कैथी के साथ पालता है। लेकिन हीथक्लिफ, अपने बेटे लिंटन को एड्गर से छीनकर अपने साथ वुदरिंग हाइट्स ले आता है। हीथक्लिफ वुदरिंग हाइट्स में अपने बेटे लिंटन का जीवन भी दूभर कर देता है क्योंकि वह इसाबेल्ला से पैदा हुआ था। लिंटन भी युवावस्था में ही रुग्णावस्था को पहुँच जाता है। 

तीन वर्ष और बीत जाते हैं, एक दिन थ्रशक्रॉस ग्रेंज के आसपास की झाड़ियों में टहलते हुए नेल्ली और कैथी का सामना हीथक्लिफ से हो जाता है। वह उन दोनों को बहलाकर वुदरिंग हाइट्स ले आता है। हीथक्लिफ, लिंटन का विवाह कैथी से कराने के लिए उन्हें वुदरिंग हाइट्स में बंधक बना कर रख लेता है। कुछ दिनों बाद वह अपने बेटे लिंटन का विवाह कैथी के साथ कर देता है। वुदरिंग हाइट्स से लिंटन की मदद से किसी तरह नेल्ली भाग निकलती है। कैथी भी लिंटन की सहायता से पिता एड्गर की मृत्यु से कुछ पहले थ्रशक्रॉस ग्रेंज पहुँच जाती है। एड्गर की मृत्यु हो जाती है। एड्गर की मृत्यु से हीथक्लिफ थ्रशक्रॉस ग्रेज़ और वुदरिंग हाइट्स, दोनों का मालिक बन जाता है क्योंकि कैथी उसकी बहू बन चुकी थी। वुडरनिग हाइट्स में कैथी अपने बीमार पति लिंटन और अत्याचारी हीथक्लिफ के साथ दिन गुज़ारने लगती है। कुछ ही दिनों में लिंटन की भी मृत्यु हो जाती है। कैथी मानसिक रूप से संवेदनहीन होकर जड़ हो जाती है और दुनियादारी से मुँह मोड़कर वीतरागी हो जाती है। 

नेल्ली डीन द्वारा लॉकवुड को बताई जाने वाली कहानी इस बिन्दु पर आकर रुक जाती है। क्योंकि लॉकवुड वुदरिंग हाइट्स में रहते हुए अस्वस्थ होकर वहाँ से चला जाता है। किन्तु सात- आठ महीनों बाद वह पुन: लौटकर अपने किराए के निवास थ्रशक्रॉस ग्रेंज में रहने के लिए आ जाता है। जब उसे पता चलता है की नेल्ली डीन वुदरिंग हाइट्स में रहने लगी है तो वह शेष कहानी सुनने के लिए दुबारा वुदरिंग हाइट्स पहुँच जाता है। वहाँ नेल्ली उसे वुदरिंग हाइट्स की शेष कहानी सुनाती है। 

लिंटन की मृत्यु के कुछ ही महीनों बाद हैरटन (हिंड्ले का पुत्र) जो कि हीथक्लिफ के ही अधीन पल रहा था और जिसे हीथक्लिफ बंधुआ मजदूर की तरह वुदरिंग हाइट्स में रखा था, वह किसी दुर्घटना में जख्मी होकर पड़ा रहता है। उसकी घायल अवस्था में कैथी के मन में उसके प्रति कोमल भावनाएँ जागती हैं और वे दोनों एक दूसरे के लिए आत्मीयता का अनुभव करते हैं। वे दोनों ही हीथक्लिफ की क्रूरता के शिकार थे। उधर हीथक्लिफ का जीवन कैथरीन की यादों के कारण दूभर होने लगता है। उसके व्यवहार और व्यक्तित्व में विचित्र बदलाव आने लगता है। उसे कैथरीन की आकृति अपने पास बुलाती हुई दिखाई देती रहती है। वह अस्वस्थ रहने लगता है। अचानक एक दिन उसका मृत शरीर कैथरीन के कमरे में पड़ा मिलता है। हीथक्लिफ को कैथरीन के निकट दफ़ना दिया जाता है। लॉकवुड को पता चलता है कि हैरटन और कैथी नए साल के दिन विवाह करने वाले हैं। वह थ्रशक्रॉस ग्रेंज छोड़कर शहर के लिए निकल पड़ता है। वह रास्ते में कैथरीन, एड्गर और हीथक्लिफ के कब्रों के पास थोड़ी देर के लिए ठहरता है और वुदरिंग हाइट्स के आसपास की पहाड़ियों और झाड़ियों में पसरी हुई ख़ामोशी में डूब जाता है। 

एमिली ब्राँटे ने इस उपन्यास की रचना 34 अध्यायों में की है। उपन्यास का कथानक जटिल और उलझा हुआ है। इस उपन्यास की विशेषता इसमें वर्णित परिवेश और प्रकृति चित्रण है। 1847 के समय यॉर्कशायर का आंचलिक सौन्दर्य लेखिका ने अपने शब्दों में अभिव्यंजित किया है। उपन्यास के पात्रों के जीवन में व्याप्त असंतोष, प्रेम, विछोह, हिंसा, दुख, और प्रतिहिंसा, यॉर्कशायर के पहाड़ियों और दलदल से घिरी चट्टानों में प्रतिबिंबित होती है। इस उपन्यास की विशेषता, कथानक में व्याप्त प्रेम की गहन अभिव्यक्ति और विफल प्रेम के घातक पर्यवसान का संवेदनशील वर्णन है। विक्टोरियान युग अँग्रेज़ी कथा साहित्य का स्वर्ण युग माना जाता है जो त्रासद प्रेम कथाओं के लिए रूढ हो गया था। यह उपन्यास हिंदी में "झंझा भवन" नाम से अनूदित हुआ है जो केंद्रीय साहित्य अकादमी, दिल्ली से प्रकाशित है। 

हॉलीवुड में सिनेमा के प्रारम्भिक दौर से ही महान साहित्यिक कृतियों पर फ़िल्म निर्माण की एक सुदृढ़ परंपरा रही है। हॉलीवुड में मूक सिनेमा का युग 1920 में ख़त्म हुआ और सवाक फिल्मों का युग प्रारम्भ हुआ। एमिली ब्राँटे के वुदरिंग हाइट्स उपन्यास की लोकप्रियता ने हॉलीवुड के मूक सिनेमा युग में ही फ़िल्मकारों का ध्यान आकर्षित किया। 1920 में ही इस उपन्यास पर पहली फ़िल्म मूक शैली में बनी। इसका निर्देशन ए.वी. ब्रेम्बल और पटकथा लेखन इलियट स्टेनार्ड ने किया था। वुदरिंग हाइट्स एक ऐसा उपन्यास है जिस पर सर्वाधिक संख्या में हॉलीवुड में फिल्में बनीं। सन् 1939 में वुदरिंग हाइट्स पर पहली सवाक फ़िल्म बनी जो आज भी सिनेप्रेमियों की पहली पसंद है। इस फ़िल्म के निर्देशक विलियम वाइलर थे जिन्होंने आगे चलकर "बेनहर" जैसी विश्व प्रसिद्ध ऐतिहासिक फ़िल्म का निर्देशन किया। इस फ़िल्म में हीथक्लिफ की भूमिका इंग्लैंड के सुप्रसिद्ध अभिनेता सर लॉरेंस ऑलीवियर और कैथरीन की भूमिका मेरले ओबेरॉन ने निभाई थी। इनके साथ एड्गर के रोल में एक और प्रसिद्ध अभिनेता, डेविड निवेन मौजूद थे। श्वेत-श्याम रंग में यॉर्कशायर के प्राकृतिक वातावरण को इस फ़िल्म में बहुत ही ख़ूबसूरती से प्रस्तुत किया गया। फ़िल्म में संवाद उपन्यास से ही सीधे ले लिए गए जो कि उपन्यास को जीवंत कर देते हैं। इस फ़िल्म में उपन्यास को पूर्णत: नहीं चित्रित किया गया बल्कि उपन्यास के सोलह अध्यायों की ही कहानी को लिया गया। इसमें मूलत: हीथक्लिफ और कैथरीन की प्रेमकहानी को ही प्रदर्शित किया गया। कैथरीन की मृत्यु के साथ ही हीथक्लिफ का भी अंत चित्रित किया गया है। इसमें वुदरिंग हाइट्स की दूसरी पीढ़ी अर्थात हीथक्लिफ, हिंड्ले, एड्गर, कैथेरीन की संतान की कहानी को शामिल नहीं किया गया है। सन् 1939 के बाद वुदरिंग हाइट्स उपन्यास पर 1953, 1954, 1970, 1992, 1998 और 2011 में हॉलीवुड के विभिन्न निर्माता निर्देशकों ने फिल्में बनाईं। इन फिल्मों में उपन्यास की कहानी में बहुत परिवर्तन किए गए और केवल 1992 की फ़िल्म के अलावा शेष सभी फिल्मों में उपन्यास के पूर्वार्ध (प्रथम 16 अध्याय) को ही लिया गया। सन् 1988 में जापानी में इस उपन्यास पर फ़िल्म बनी। सन् 1966 में इस उपन्यास पर हिंदी में "दिल दिया दर्द लिया" फ़िल्म बनी, जिसमें हीथक्लिफ की भूमिका को अभिनय सम्राट दिलीप कुमार (शंकर), कैथरीन (रूपा) की भूमिका को वहीदा रहमान, हिंडले की भूमिका को प्राण तथा एड्गर लिंटन की भूमिका को रहमान ने निभाया। हिंदी फ़िल्म में उपन्यास के कथानक में भारी फेर-बदल किया गया और इसे सुखांत बना दिया गया। हिंड्ले (प्राण) इस फ़िल्म में आत्महत्या कर लेता है और अंत में एड्गर की बहन इसाबेल्ला (श्यामा– माला), कैथरीन (रूपा) और हीथक्लिफ (शंकर) को मिलाकर विवाह कराने में सूत्रधार बनती है। हालाँकि यह फ़िल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल नहीं हुई थी किन्तु यह एक गंभीर संवेदनशील फ़िल्म के रूप में लोकप्रिय हुई। 

हॉलीवुड में 1939 में बनी फ़िल्म के बाद सन् 1970 की वुदरिंग हाइट्स फ़िल्म बहुचर्चित हुई। यह फ़िल्म रॉबर्ट हेस्ट के निर्देशन में सेम्युएल अरकोफ़ और जेम्स निकलसन द्वारा निर्मित हुई। इसमें हीथक्लिफ का अभिनय तदयुगीन प्रेमकथाओं के नायक टिमोथी डाल्टन और कैथरीन का अभिनय एना केल्डर मार्शल ने किया था। हॉलीवुड का हर बड़ा कलाकार हीथक्लिफ के जटिल मनोवैज्ञानिक, द्वन्द्वात्मक क्रूर चरित्र का अभिनय करना चाहता था। हीथक्लिफ के चुनौतीपूर्ण पात्र, कलाकारों में स्पर्धा और चर्चा का विषय बन गया था। सन् 1970 के वुदरिंग हाइट्स फ़िल्म में हीथक्लिफ को हिंड्ले, गोली मारकर हत्या कर देता है और वही वुदरिंग हाइट्स का मालिक बना रहता है। इस फ़िल्म में नेल्ली डीन, कथा वाचक और वुदरिंग हाइट्स की खानदानी सहायिका स्वयं हिंड्ले से प्रेम करती है, किन्तु हिंड्ले उसे वर्ग-वैषम्य के कारण पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करता। यह फ़िल्म हीथक्लिफ और कैथरीन की प्रेम कहानी के साथ साथ हिंड्ले-अर्नशॉ और हीथक्लिफ की प्रतिद्वंद्विता और वर्ग-वैषम्य की कटुता को उभारती है। हिंड्ले द्वारा हीथक्लिफ के मारे जाने से हीथक्लिफ और कैथरीन, दोनों की प्रेतात्माओं का मिलन हो जाता है। 

उपर्युक्त फिल्मों के साथ-साथ वुदरिंग हाइट्स पर आधारित अनेक लोकप्रिय टीवी धारावाहिक भी बनाए गए। टीवी के लिए वुदरिंग हाइट्स के धारावाहिकों का सिलसिला 1962 से शुरू हुआ और क्रम से 1967, 1978, 2003 और 2009 तक ज़ारी रहा। वुदरिंग हाइट्स की प्रेम कहानी को हर युग में हर पीढ़ी के दर्शक, फ़िल्म एवं टीवी धारावाहिक के रूप में देखते रहे हैं। 1988 में वुदरिंग हाइट्स पर जापानी भाषा में भी फ़िल्म बनी जो बहुत सराही गई। 

सन् 1970 की वुदरिंग हाइट्स फ़िल्म के बाद सन् 1992 में हॉलीवुड के तीन निर्माताओं- साइमन बोसाकेट, मेरी सेलवे, क्रिस थांपसन ने मिलकर पीटर कोस्मिंस्की के कुशल निर्देशन में "एमिली ब्रांटे’स वुदरिंग हाइट्स" नाम से सर्वाधिक चर्चित फ़िल्म का निर्माण किया। इस फ़िल्म में उपन्यास की समूची कथा को लिया गया। इसमें हीथक्लिफ के लिए राल्फ फीनेस और कैथरीन के लिए जूलिएट बिनोश, हिंड्ले अर्नशॉ के लिए जेरिमी नार्थेम, एड्गर लिंटन के लिए साइमन शेफर्ड, इसाबेल्ला लिंटन के लिए सोफी वार्ड और कथा वाचक नेल्ली डीन के लिए जेनेट मेकटीर ने अभिनय किया। इस फ़िल्म की विशेषता उपर्युक्त कलाकारों के अभिनय कौशल के साथ-साथ फ़िल्म में माइक सौथन की प्रशंसनीय सिनेमाटोग्राफी है। फ़िल्म में यॉर्कशायर के अनबूझे, अप्रत्याशित मौसम को पात्रों की उदासी, निराशा और विषाद को दर्शाने में अद्भुत निपुणता के साथ सँजोया गया है। फ़िल्म के दृश्य उपन्यास में वर्णित मौसम, बादलों की कालिमा, बर्फबारी, अँधेरी रात में चलने वाली हवाएँ, पात्रों की मानसिक संवेदनाओं को जीवंत कर देते हैं, जो दर्शकों को झकझोर देते हैं। उपन्यास में वर्णित पहाड़ियों के बीच फैले भीगे दलदल और पथरीले टीलों पर झुके-झुके बादल, रह-रहकर बरसने वाले बादल, कड़ाके की ठंड और भीषण हिमपात के दृश्य निर्दिष्ट रंगों में फ़िल्म में जीवंत हो गए हैं। वुदरिंग हाइट्स एक परिवेश प्रधान संवेदनात्मक उपन्यास है जिसे फ़िल्म के पर्दे पर उतारना कठिन है पर इस चुनौती को फ़िल्मकारों ने स्वीकार किया और सिनेमा जगत में नया इतिहास रचा। 

हीथक्लिफ के भीतर का आत्मपीड़न और बाहर का परपीड़न दोनों की अभिव्यक्ति में राल्फ फीनेस ने हीथक्लिफ को जिया है। अभिनेत्री जूलिएट बिनोश, कैथरीन और कैथी, दोनों पात्रों को साकार कर दिया है। फ़िल्म के प्रारम्भ में लॉकवुड का तूफ़ानी रात में वुदरिंग हाइट्स में प्रवेश, आधी रात को खिड़की के बाहर कैथरीन की आकृति का दिखाई देना और साथ ही खिड़की में से दो ठंडे हाथों का एकाएक निकलकर लॉकवुड के हाथों को पकड़ लेना और कमरे में प्रवेश पाने की गुहार, के दृश्य दर्शकों में सनसनी पैदा कर देते हैं। इस फ़िल्म का अंत बहुत ही करुण है जब बरसों की यातना के बाद मुक्ति के लिए छटपटाते हीथक्लिफ का मृत शरीर कैथरीन के कमरे में पड़ा मिलता है। यह फ़िल्म दर्शकों को भयानक रूप से विचलित कर देती है। यही इस फ़िल्म की विशेषता है। यह उपन्यास विश्व कथा साहित्य में एक क्लासिक कृति के रूप में आज भी अपना अति विशिष्ट स्थान रखती है। 
 

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