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हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता अभिषेक कुमार 'अम्बर'31 Mar 2017
हम होंगे सब में पास
हम होंगे सबमें पास
हम होंगे सब में पास
एक दिन..........।
हो.................॥
सोते हैं बिंदास
लिखते हैं बक़वास
फिर भी है विश्वास
मार्क्स मिलेंगे झक्कास
एक दिन..........।
हो.................॥
सबके अलग अलग एजेंडे
आज़माते नए नए हथकंडे
जब पेपर में आते अंडे
चलते टीचर जी के डंडे
फिर भी रखते पूरे आस
हम होंगे सबमें पास
एक दिन..........।
हो.................॥
व्हाट्सएप पर होता है सवेरा
फेसबुक पर रहता है डेरा
पुस्तक न आती हमें रास
करते ख़ुदा से है अरदास
न हमें इस झंझट में फाँस
हम होंगे सब में पास
एक दिन..........।
हो.................॥
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