फ़र्क
काव्य साहित्य | कविता सुशांत सुप्रिय2 Jun 2016
मैंने बर्फ से
हाथ मिलाया
सुन्न पड़ गईं
मेरी उँगलियाँ
मैंने आग से
हाथ मिलाया
जल गईं
मेरी उँगलियाँ
मैंने राजनेता से
हाथ मिलाया
मेरा हाथ ही
ग़ायब हो गया
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