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गर्लफ़्रैंड प्राप्ति तप

आज सुबह फ़ेसबुक पर मैं फोकट का फ़ालतू ज्ञान प्राप्त कर रहा था, क्योंकि वो क्या है ना कि फ़ेसबुक एक महान स्त्रोत है ज्ञान प्राप्त करने का, रियल बुक से भी बढ़िया।

क्योंकि बुक में से तो कुछेक राइटर्स से ही ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जबकि फ़ेसबुक पर तो भाईसाहब, आपको एक से बढ़ कर एक महान ज्ञानी मिल जाते हैं, जिनका ज्ञान बिल्कुल लेटेस्ट और कूल होता है। और भैया ट्रस्ट के तो कहने ही क्या? आँखों पर पट्टी बाँधकर ट्रस्ट कर सकते हैं इस फ़ेसबुकिया ज्ञान पर। क्योंकि हमारे ज्ञानी फ़ेसबुकिया राइटर्स बिना 'रिसरच' किए तो आपको ज्ञान देने से रहे।

उनकी 'रिसरच' का अंदाज़ा तो मैं उनके हाई-लेवल के भाषा-स्तर से लगा लेता हूँ, जो मेरे जैसे हिन्दी-इंग्लिश के कमज़ोर खिलाड़ी की समझ से तो बिल्कुल बाहर होता है। यह भाषा-स्तर तो 8-10 वीं के दर्जे जैसी अत्यंत असाधारण और कठिन परीक्षा पास करके आए, टाईप-राईटिंग से बिलकुल अनभिज्ञ किसी परम-ज्ञानी का ही हो सकता है।

वो तो भला हो मार्क ज़ुकरबर्ग का, जो उनकी वज़ह से हमें ऐसे महान परम-ज्ञानियों का सानिध्य प्राप्त हो रहा है। भला तो मुकेश अंबानी का भी होना चाहिए, जिनकी वज़ह से ऐसे ज्ञान बाँटने वालों और ग्रहण करने वालों की संख्या में असाधारण वृद्धि हुई है। आपके लिए तो हमारे दिल से एक ही दुआ निकलती है कि "जिओ" अंबानी जी "जिओ"।

ख़ैर, छोड़िए। मैं भी कहाँ फ़ेसबुक की महानता का वर्णन करने लगा? फ़ेसबुक की महानता से तो हर कोई परिचित है। हम सीधा मुद्दे पे आते हैं।

तो भाई, अब जब इतना ट्रस्टेबल, लेटेस्ट और कूल ज्ञान फ्री में फ़ेसबुक से प्राप्त हो रहा है, तो आपका ये मासूम लेखक कब तक, आख़िर कब तक ख़ुद को इस फ़ेसबुकिया ज्ञान से बचाता। मैंने भी आत्म-समर्पण कर दिया। और, हो गया इन ज्ञान ग्रहण करने वाले भक्तों की भीड़ में शामिल।

और, आज सुबह जब मैं फ़ेसबुक पर फोकट का फ़ालतू ज्ञान प्राप्त कर रहा था, एक महान फ़ेसबुकिया मोटिवेशनल स्पीकर और ज्ञान वितरक की पोस्ट पर मेरी नज़र गई। फ़ेसबुक का एक फ़ायदा ये भी हुआ है कि मोटिवेशनल स्पीकर्स के अनुपात में भारी वृद्धि हो गई है।

पोस्ट का टॉपिक था, "फ़ेमस कैसे हों?"। वाक़ई उस पोस्ट में कई उपयोगी तरीक़े बताए गए थे। एक तरीक़ा था कि आप ब्लॉगिंग करें। ब्लॉग ऐसा हो जो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की मदद कर सकें।

फिर क्या था, आपके इस फ़ेम के लालची मासूम लेखक ने आनन-फानन में ब्लॉग तैयार किया। फिर जैसे ही पोस्ट करने के लिए क़लम उठाई, आपका ये मासूम लेखक भ्रमित हो गया कि किस विषय पर लिखा जाए। काफ़ी सोच-विचार के पश्चात भी कोई परिणाम ना निकलता देख, मैं पुनः उन्हीं फ़ेसबुक वाले महोदय की शरण में पहुँचा, जिनकी पोस्ट पढ़कर मुझे ब्लॉगिंग करने का विचार आया था।

उन्होने मुझे टॉपिक दे दिया कि "गर्ल-फ़्रैंड कैसे बनाएँ?"।

मैंने पूछा, "लेकिन, मुझे तो इस बारे में ख़ुद कुछ नहीं मालूम तो मैं कैसे इस पर कुछ लिख सकता हूँ?"

वो बोले, "ये तुम्हारी परेशानी है, मैंने तुम्हें रास्ता दिखा दिया है। इस पर चलना तो तुम्हें ख़ुद ही है।" इतना बोलकर वो अंर्तधान हो गए।

अब काफ़ी देर तक सोच-विचार के पश्चात मैं आख़िरकार इस निर्णय पर पहुँचा कि पहले इस टॉपिक पर दूसरों के ब्लॉग और पोस्ट पढ़े जाएँ। तत्पश्चात, यहाँ-वहाँ से ज्ञान प्राप्त कर मैंने वो ब्लॉग पोस्ट लिखी। ख़ूब प्रसिद्धि प्राप्त हुई। बहुत से लोगों को फ़ायदा हुआ। ज्ञान ग्रहण करने वालों ने मुझे हाथों-हाथ लेकर रातों-रात ज्ञान ग्रहण करने वाले भक्त से ज्ञान वितरण करने वाला बाबा बना दिया।

तो अब मैंने विचार किया कि मेरे आर्टिकल से इतने अनजान लोगों को फ़ायदा हुआ है, फिर आप सब पाठक तो मेरे अपने है।

अतः आपको भी लाभ प्रदान करने के लिए मैं यह आर्टिकल यहाँ पर भी प्रकाशित कर रहा हूँ।

तो गर्ल-फ़्रैंड प्राप्ति के लिए बहुत तप करना पड़ता है तब जाके मिलती है गर्ल-फ़्रैंड। तप-विधि निम्न प्रकार है:-

1) सर्व-प्रथम, सर्वाधिक आवश्यक है आपके केश (बाल)। चिंता मत करो, मुंडन नहीं करवाना है। उससे भी कठिन पहले बालों को इंद्रधनुष जैसे या फिर पाईनऐपल जैसे रंगों से रँगवाना है।

तत्पश्चात, उन्हें गन्ने के खेत जैसा या फिर बाजरे की पराली जैसे अथवा मुर्गे की कलगी जैसे स्टाईल में कटवाना है।

2) अब दूसरा, अगर जिम नहीं जाते हैं तो अभी से जाना शुरू कर दें। (अभी का मतलब ये नहीं है कि आप सब पूरा पढ़े बिना चले जाएँ, पहले इस आर्टिकल को लास्ट तक पढ़ें, फिर आप जा सकते हैं।) अगर आप पहले से ही जिम जाते हैं तो जिम वाले से गर्ल-फ़्रैंड बनाने वाला सप्लीमेंट जल्दी से माँगें।

3) लड़कियों को 'चॉकलेटी बॉयज़' बहुत अच्छे लगते हैं, तो आप ठूँस-ठूँस कर बहुत सारी चॉकलेट खाना शुरू कर दें। थोड़ी बहुत चेहरे और हाथ-पैरों पर भी लगा लें। अब आप बन गए चॉकलेटी बॉय।

4) लड़कियों को 'बैड बॉयज़' भी अच्छे लगते हैं, तो आप नहाना-धोना छोड़कर गंदे लड़के या बैड बॉय भी बन जाइए।

5) पढ़ाई-करियर वग़ैरह छोड़कर दिन में 27-28 घंटे पबजी खेलकर 'प्ले बॉय' बनना और बाकि बचे समय में टिक-टॉक चलाकर 'शो बॉय' बनना तो अनिवार्य है ही।

6) दोस्त से उधार माँगकर ली प्लैटिना बाईक को पेट्रोल पंप पर लेकर जाइए। 50/रु. का पेट्रोल भरवाइये। अब इस बाईक को सड़क पर लहरा-लहरा कर चलाइए, दोस्त की बाईक की और राह चलते राहगीरों की जान ख़तरे में डालिए।

ध्यान देने योग्य बात ये है कि आप तो जिम में पसीना बहा-बहा कर साउथ फिल्मों के हीरो बन चुके है, तो हैल्मेट पहनने की तो ज़रूरत है ही नहीं।

7) सिगरेट पीते हुए फोटो क्लिक कर फ़ेसबुक पर बतौर प्रोफ़ाईल पिक लगाइये, इससे आपकी इमेज लड़कियों के आगे और भी कूल बनेगी। भाषा में कुछ गालियाँ शामिल करके आप और कूल लगोगे।

8) एक बकरे जैसी दाढ़ी भी रख लीजिए।

9) सबसे आख़िरी चरण ये है कि अपने दो-तीन कुत्ते जैसे वफ़ादार दोस्तों के साथ किसी गर्ल्स कॉलेज के बाहर खड़े रहकर लड़कियाँ ताड़ना शुरू कर दीजिए।

दूसरा, तरीक़ा ये है कि आप अपनी बहन को कोचिंग छोड़ने भी जा सकते हो, बहन के क्लास में जाने के बाद से लेकर वापस आने तक आप अपना काम बेरोक-टोक कर सकते हो।

10) किताबें छोड़ एक गिटार पकड़ लीजिए। अब से जहाँ भी जाएँ, ये गिटार आपके गले में घंटी की तरह लटका रहना चाहिए।

11) एक पुरानी फटी हुई जींस और एक शर्ट जिसके ऊपर के दो-तीन बटन टूटे हुए हों, अपनी वॉर्डरोब में शामिल कर लीजिए।

अब इतना तप आपने सफलतापूर्वक कर लिया तो फिर आलम ये होगा कि आप गली से बाद में गुज़रेंगे, लड़कियाँ छतों से पहले कूद जायेंगी।

तो ये था आज का ज्ञान। अब ज्ञान समाप्त।

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