गोलू मास्टर जी
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता रमेश ‘आचार्य’2 Sep 2014
आज अध्यापक दिवस है जी
गोलू बन गया मास्टर जी।
आँखों पर चश्मा, हाथ में छड़ी
पढ़ा रहे अ, आ, इ, ई।
अ से अनार, आ से आम
सबसे पहले गुरूओं को प्रणाम।
इ से इमली, ई से ईख,
सदा ज्ञान की बातें सीख।
उ से उल्लू, ऊ से ऊ से ऊँट,
कभी न बोलो बच्चों झूठ।
ए से एड़ी, ऐ से ऐनक,
माता-पिता के बनो सेवक।
ओ से ओखली, औ से औरत,
सूरत नहीं, देखो सीरत।
अं से अंगूर, अः खाली,
सबक हुआ पूरा, बच्चों बजाओ ताली।
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