हक़ीक़त है क्या, दिल्लगी जानते हैं?
शायरी | ग़ज़ल अनिल 'मानव'15 Mar 2021 (अंक: 177, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
हक़ीक़त है क्या, दिल्लगी जानते हैं?
ये जिसने किया सच वही जानते हैं
मुहल्ला, ठिकाना, गली जानते हैं
मुहब्बत की हम कुंडली जानते हैं
उठाएँ नहीं फ़ायदा इस जहां में
किसी की अगर बेबसी जानते हैं
उजाले मिलेंगे उजालों के बदले
ये सूरज सितारे सभी जानते हैं
ये बच्चे हैं 'मानव' बहुत दिल के सच्चे
इन्हें जो सिखाओ वही जानते हैं
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