हत्या का रहस्य
काव्य साहित्य | कविता प्रवीण शर्मा1 Apr 2021 (अंक: 178, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
खुल जाएगा
हत्या का रहस्य
सोकर उठने से पहले
निर्मल शीतल जल से
मिटा देंगी कविताएँ स्वयं
पराजय के सारे अवशेष
अपमानित चेहरों पर
चमकेगी
स्वाभिमान की धूप
सोकर उठने से पहले
शांत हो जाएगा
कोलाहल
सोकर उठने के बाद
मेरे साथ होगी-
पिघली हुई बर्फ़
निकली हुई धूप
निरभ्र आकाश में
पक्षियों की उन्मुक्त उड़ान—
सोकर उठने के बाद
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