हिंदी भाषा
काव्य साहित्य | कविता गौरी15 May 2021 (अंक: 181, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
मूक भावनाओं को व्यक्त किया जिससे,
अभिव्यक्ति के लिए स्पष्ट है जिसका हर अक्षर
उस हिंदी की बात है,
मात्र भाषा ही नहीं यह मातृभाषा की बात है।
वर्णों की माला की पहचान आसान है,
इसके हर अक्षर का विशेष उच्चारण स्थान है,
प्रत्येक अक्षर की ध्वनि की अलग विशेषता है,
स्वर्ण से भी शुद्ध है जो उस हिंदी की बात है ।
कवियों के मन को है बहलाती,
काव्य का अलंकार यह कहलाती,
रचनाओं में लेखकों की सखा बन जाती,
साहित्य का जो गौरव है उस हिंदी की बात है।
भारत की अन्य भाषाएँ हैं इसकी बहनें,
सुंदर, सुदृढ़ और स्पष्टता का मुकुट पहनें,
श्रवण-लेखन दोनों की समानता की बात है,
तो यह राजभाषा 'हिंदी' की ही बात है।
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