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हिंदी दिवस

 

हिंदी दिवस,
          चौदह सितम्बर,
                 को प्रतिवर्ष
 
हिंदी पढ़ते !
         पास होने के लिये।
                नहीं समझते!
 
 हिंदी भाषा है;
              बोलचाल हमारी;
                      धरोहर है।
 
 हिंदी हमारी
          पढ़ो लिखो औ'बोलो
                      भाग्य खोलो
 
 हिंदी को करें
            बारंबार नमन
                        करें मनन
 
 हिंदी नहीं है!
              बच्चे अब पढ़ते।
                      सिर्फ रटते।
 
हिंदी क्यों हो?
            बच्चों से नाराज़ 
                   थोड़ी उदास।
 
हिंदी कहाँ हो?
           भारत के दिल में
                      हर घर में
 
 हिंदी हमारी,
          कहते राज भाषा;
              क, ख-न आता

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टिप्पणियाँ

Vivek 2021/09/18 08:46 AM

आदरणीय शर्मा जी प्रणाम हिंदी दिवस पर आपकी कविता पढ़ कर मन खुश भी हुआ और उदास भी लेकिन आप अच्छा कार्य ऐसे ही करते रहे और लोगों की आंखें खोलते रहिए

राजेश'ललित 2021/09/17 02:08 PM

आदरणीय सुमन जी घई; आपके द्वारा साहित्अय कुञ्ज के अक्तूबर प्रथम अंक में हिंदी दिवस पर लिखी हाईकु को प्रकाशित करने पर हार्दिक आभार एवं धन्यवाद। राजेश'ललित'

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