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हिस्से का चाँद

ले  
मैंने अपने हिस्से के चाँद में से  
आधा चाँद तुझे दे दिया  
अब इस आईने का  
एक टुकड़ा तेरे हाथ में है  
एक मेरे हाथ में  
कुछ इस तरह रखें  
अपने अपने हाथों में  
कि  
दूर से ही  
एक दूसरे को पढ़ सकें  
जो कुछ भी तुझे लिखना होगा  
इस चाँद  पर ही लिख देना  
चाँद पर तेरी लिखाई उतरेगी  
तो  
साफ़ साफ़ नज़र आएगी मुझे  
इस किताब की दूरी  
आँखों के सामने  
उतनी ही होगी  
जितनी पढ़ने के लिए  
ज़रूरी होती है  
ज़्यादा पास से  
ये धुँधली नज़र आती है  
और वैसे भी  
तेरी लिखाई अब तक याद है मुझे  
सो दिक़्क़त नहीं होगी मुझे  
तुझे भी नहीं होगी न? 

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