इलाही! चल बता सबको ज़रा
शायरी | ग़ज़ल डॉ. रामवृक्ष सिंह15 Sep 2021 (अंक: 189, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
इलाही1! चल बता सबको ज़रा, यह माजरा2 क्या है?
कि तेरा दीन3 कैसा है? कि तेरा फ़लसफ़ा4 क्या है?
तू सादिक़5 है तू हाफ़िज़6 है कि तू हमदर्द है सबका
अगर तेरा त'अर्रुफ7 ये, तो फिर ये हो रहा क्या है?
तुझे सबसे मुहब्बत है, करम सब पर बराबर है,
दहर8 में नाम पर तेरे, बता, झगड़ा भला क्या है?
क्या तुझको ख़ून भाता है? कज़ाएं9 हैं तेरी हमदम?
तो मरने-मारने वालों का तुझसे वासता क्या है?
1.इलाही= भगवान; 2. माजरा= घटना का विवरण, घटना, क़िस्सा; 3. दीन= धर्म; 4. फ़लसफ़ा= दर्शन
5. सादिक़=सन्यायनिष्ठ; 6. हाफ़िज़= रक्षक, प्रहरी, पहरेदार; 7. त'अर्रुफ़= परिचय 8. दहर=काल, समय, दुनिया, जगत; 9. कज़ा= मृत्यु
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
ग़ज़ल
किशोर साहित्य कविता
कविता
नज़्म
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं