इतिहास रचो ऐ! सृजनकार
काव्य साहित्य | कविता सुषमा दीक्षित शुक्ला1 Dec 2020
ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।
ऐ! युवा शक्ति नव सृजनकार।
तेरे कंधों पर है देखो ऋण अपार।
है तुमसे ही आशा अब लगातार।
तुम ही हो राष्ट्र धर्म के सूत्रधार।
इतिहास रचो ऐ! सृजनकार।
है भारत माँ की यह पुकार।
तुमको पालन करने सारे संस्कार
माँ बहनों के रक्षक तुम होनहार।
पूर्ण करो अपनों के सपने हज़ार।
चुकता कर दो माँ का दुलार।
गाथाएँ लिख दें क़लमकार।
ऐ! भावी भारत के नव कर्णधार।
ऐ! युवा शक्ति नव सृजनकार॥
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