कभी नहीं झुकने वाले
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'1 May 2019
रोक सको तो हमें रोक लो,
हम हैं न रुकने वाले।
जायेंगे दौड़े सरहद पर,
कभी नहीं झुकने वाले॥
गोली दागेंगे दन-दन-दन,
दुश्मन मार भगायेंगे।
भारत माँ की सेवा ख़ातिर,
आगे बढ़ते जायेंगे॥
बढ़े चलेंगे, नहीं रुकेंगे,
देश प्रेम के हम मतवाले।
रोक सको तो हमें रोक लो,
हम हैं न रुकनें वाले॥
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