कह दिया वो साफ़ जो भाया नहीं
शायरी | ग़ज़ल नीरज गोस्वामी6 Apr 2008
कह दिया वो साफ़ जो भाया नहीं
तीर हम ने पीठ पर खाया नहीं
अर्थ जीवन में कहाँ बचता बता
साथ गर अपने चले साया नहीं
तोड़ दी हर शाख पहले पेड़ की
तीर हम ने पीठ पर खाया नहीं
सिर्फ़ सूली क्यों बनी सच के लिए
कोई पाया जान ये माया नहीं
खोट था जिसमें वोही दौड़ा किया
पर खरा ही यार चल पाया नहीं
हाथ फैलाने पे ही तुमने दिया
उसपे दावा ये की तरसाया नहीं
दिल लगाये किस तरह रब से बशर
प्यार का गर गीत ही गाया नहीं
आँख से आँसू अगर नीरज गिरें
रोक पाएँ ये हुनर आया नहीं
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