कविता तुम्हारे नाम
काव्य साहित्य | कविता सौरभ मिश्रा15 Aug 2020
कविता शुरू करना
दाल के अदहन के साथ
और बासन की कालिख
छुड़ाते हुए हुए
ख़तम करना पाठ
अगर भाव
पुरबी हवा के
पछुवा में बदलने तक
गूँजता रहा मन में,
मैं समझूँगा
सफल हुआ काव्य
तुम पढ़ोगी न?
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