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किसी और की वजह से

सूज़न के माता पिता का तलाक हो गया क्योंकि हर रोज़ की खटपट से वे इतना तंग आ चुके थे। घर में पति पत्नी  दोनों की हर रोज़ गाली गलौज और मार पीट रोजमर्रा की बात हो गई थी। अंत में सूज़न के पिता घर छोड़कर एक अपार्टमेन्ट में रहने लगे। फिर भी हर शनिवार वह अपने बच्चों को देखने आते थे। सूजन की छोटी बहन और एक भाई था । बच्चे अपने पिता के काफी निकट थे।

एक शनिवार को  सूजन के पिता सबको अपने अपार्टमेंट में ले गये यह कहकर कि उसके अपार्टमेंट में कोई उसका इंतजार कर रहा है। जब ये सब वहाँ पहुँचे तो सूज़न को बहुत गुस्सा आया । उसने देखा कि वहाँ एक और औरत थी। उसके साथ उसके दो बच्चे थे। बड़ा बच्चा सूजन से कुछ छोटा था। वह स्त्री बहुत ही सुन्दर, लम्बे कद वाली, सुडौल पतली, अच्छे, सुन्दर फ़ैशनेबल वस्त्रों में थी । उसके चेहरे से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वह काफी सभ्य थी उसका नाम नैन्सी था।

पहले तो इस स्त्री पर सूज़न को बहुत क्रोध आया और यह स्वाभाविक भी था। उसके मन में आया कि यह औरत उसके बाप का माल मुफ्त में उड़ा रही है। और उसे बड़ी घृणा हो गई। 

फिर नैन्सी ने सूजन की ओर कड़ी नज़र से देखा और वह बोली, "देखो हम साधारण लोग हैं हम बहुत ही बुरे समय से गुज़र रहे हैं। हमारा अपना अपार्टमेंट  है लेकिन उसमें पानी टपकता है, उसमें  हीट नहीं है उसमें काकरोच घूमते हैं। हम सब साफ कपडे़ पहनते हैं । क्योंकि मैं भी उसी सिलाई की फैक्टरी में काम करती हूँ जिसमें तुम्हारे पिता जी काम करते हैं।"  उसने यह भी बताया कि शायद मैं तुम्हारे पिता के साथ शादी कर लूँगी, लेकिन यह सब कुछ तय होने से पहले हम सब कुछ अच्छी तरह से जानना चाहते हैं। यह मेरा अकेले का फैसला नहीं है।

यह सुनकर सूजन को जब असलियत का पता चला तो वह अवाक रह गई और समझ गई कि उसका परिवार क्यों बिखर गया!

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