मैं भी पेड़ लगाऊँगा
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. शोभा श्रीवास्तव15 Mar 2020
पापा एक पौधा ला देना
मैं भी पेड़ लगाऊँगा
धरती पर हरियाली लाने
अपना फ़र्ज़ निभाऊँगा
पौधा बिल्कुल न्यारा-न्यारा
मेरे जैसा प्यारा-प्यारा
छोटा सा गड्ढा खोदूँगा
घर के पिछवाड़े बो दूँगा
रोज़ सुबह पानी डालूँगा
रोज़ शाम सहलाऊँगा
पापा एक पौधा ला देना
मैं भी पेड़ लगाऊँगा
स्कूल में टीचर कहते हैं
हम जिस दुनिया में रहते हैं
प्राण वहाँ पेड़ों से मिलता
पेड़ बिना जीवन नहीं चलता
पेड़ हमें क्या क्या देते हैं
दुनिया को बतलाऊँगा
पापा एक पौधा ला देना
मैं भी पेड़ लगाऊँगा
पेड़ रसीले फल देते हैं
बादल घिरते, जल देते हैं
नदियों में बहता है पानी
धरती माता लगती धानी
शुद्ध-शुद्ध वायु में रहकर
जीवन स्वस्थ बनाऊँगा
पापा एक पौधा ला देना
मैं भी पेड़ लगाऊँगा
जब बड़े होंगे हम पापा
मुश्किल कर देंगे कम पापा
सारी चिंता छोड़-छाड़ कर
पेड़ के नीचे कुर्सी डालकर
तब करना आराम वहाँ तुम
जब मैं ऑफ़िस जाऊँगा
पापा एक पौधा ला देना
मैं भी पेड़ लगाऊँगा
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
सामाजिक आलेख
रचना समीक्षा
साहित्यिक आलेख
कविता-मुक्तक
बाल साहित्य कविता
ग़ज़ल
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं
{{user_name}} {{date_added}}
{{comment}}