मंगल ग्रह की सैर
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता डॉ. प्रमोद सोनवानी 'पुष्प'1 Sep 2019
रोबो जी मंगल ग्रह में,
बड़े शान से घूम रहे थे।
देख वहाँ की सुन्दरता को,
मन ही मन में झूम रहे थे॥
मंगल ग्रह के राजा से फिर,
रोबो जी ने हाथ मिलाया।
तरह-तरह के यंत्र देखकर,
वह तो फूला नहीं समाया॥
जाते-जाते बोल रहा वह,
मौक़ा पाते फिर आऊँगा।
मंगल ग्रह के संदेशों को,
जन-जन तक मैं पहुँचाऊँगा॥
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