मनोकामना..मंगलकामना..शुभकामना
काव्य साहित्य | कविता उमेश ताम्बी7 Nov 2007
धन्य है भाग हमारे
जो हमने आपको जाना
न होता माझी साथ
तो ना मिल पता ठिकाना
नववर्ष की शुभ बेला में
सरल है मन को समझाना
जो हो ईश्वर का साथ
तो न कभी घबराना
अब तक तो जीवन यूँ ही बीता
बस खाना और कमाना
आगे भी मिलाता रहे
हमें साधन नया पुराना
परिवार और मित्र गण सभी
रहें स्वस्थ..सम्पन्न..आत्मनिर्भर
दीपोत्सव की -
नव वर्ष की यही हमारी
मनोकामना.. मंगलकामना.. शुभकामना
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