मुस्कुराना ज़रूरी है
काव्य साहित्य | कविता संजीव कुमार बब्बर27 Feb 2014
डाक्टर ने कहा है
मुस्कुराना ज़रूरी है
ग़म में है हर आदमी
रोने से क्या होगा
ग़म में भी मुस्कुराएगा
तो ग़म भाग जाएगा।
सफलता असफलता
दो पहलू हैं ज़िन्दगी के
जो असफलता पर भी मुस्कुराएगा
वही सफल कहलाएगा।
समाज में अपनी जगह बनानी है
तो मिलो सभी से मुस्कुरा कर
सभी आपको चाहेंगे
यदि आप मुस्कुराएँगे।
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