नैतिक मूल्य
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता हलीम ’आईना’21 Aug 2007
बरसों बाद,
स्कूल इंस्पेक्शन के लिए
जब इंस्पेक्टर आया
तो कक्षा में ऊँघ रहे
अध्यापक ने
तुरंत एक सवाल लिखाया
एक ग्वाले ने,
सिंथेटिक दूध में,
पचास प्रतिशत
पानी मिलाया,
जितने में लाया था
उतने में बेच आया,
बताओ कितना कमाया?
बनिये के एक छोकरे ने
फटाक से हाथ उठाया
"मज़ा आ गया सर!
फौकट में पचास परसेंट कमा लिया”
बीच में ही इंस्पेटटर चीखा
’गुरु!
आपने ये क्या किया?
मेरे देश का,
पचास परसेंट,
नैतिक मूल्य
गिरा दिया।’
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