नमन करें
काव्य साहित्य | कविता महेन्द्र देवांगन माटी15 Jun 2020 (अंक: 158, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
नमन करें हम मातु पिता को,
श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
नमन करें हम गुरु चरणों को,
हमको राह दिखाते हैं॥1॥
नमन करें हम धरती अंबर,
सूरज चाँद सितारों को।
नमन करें परिवार जनों को,
सुख दुख के सब प्यारों को॥2॥
नमन करें हम देवी देवता,
जग के पालन हारी को।
नमन करें हम पशु पक्षी को,
उड़ते सब नभचारी को॥3॥
नमन करें हम अरुण वरुण को,
सबके जीवन दाता हैं।
नमन करें हम मातृभूमि को,
जो हम सबकी माता है॥4॥
नमन करें पर्वत पठार को,
नदियाँ झरने घाटी को।
नमन करें हम इस वसुधा के,
कण कण पावन माटी को॥5॥
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