परिभाषाएँ
काव्य साहित्य | कविता अमिषा अनेजा1 Jul 2020
वक़्त
वो ठग है
जो छलता जाता है
और चलता जाता है
दर्द
वो कड़वी गोली है
जो ऊपरवाले ने
सबके पैमाने में घोली है।
दोस्ती
वो दुआ है जो क़ुबूल हुई है
जिसकी वज़ह से
ज़िंदगी मक़्बूल हुई है।
पानी
वो आब-ए हयात है
जो मर गया है दरिया में
और लोगों की आँखों में भी।
रिश्ता
वो होता है
जो ख़ून से ख़ून को जोड़ता है
और ख़ून-ओ-ख़ून कर छोड़ता है।
तक़दीर
जो हथेलियों में लकीर है
पर कभी हाथ की पकड़ में ना आए
ऐसी जानलेवा शमशीर है।
मोहब्बत
जो हर इंसान
सबसे ज़्यादा ख़ुद से करता है
और दूसरों पर लुटाने का दम भरता है।
ख़ुदा
जिसकी शान में हर बंदा सजदा करता है,
और जिसके नाम पर
अपनी हैवानियत को बेपरदा करता है।
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