पति की दास्तान
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता अवधेश कुमार झा16 Nov 2016
मेरी बीवी का करवा चौथ
मैं बोला, "बॉस, छुट्टी चाहिए।"
सुनते ही भड़क उठे, "क्यों?
क्या करना है?"
मैंने कहा, "बॉस, कल करवा चौथ है
और मेरी पत्नी को मेरी लम्बी उम्र के लिए
व्रत रखना है।"
सुन कर बॉस बोले,
"तो इसमें तुम्हें क्या करना है?"
मैं बोला, "बॉस मेरे बग़ैर वह
व्रत नहीं रख पाएगी
घर-परिवार और बच्चे कैसे सँभाल पाएगी?
यह सब तो कल मुझे ही करना पड़ेगा
इसीलिए छुट्टी ले कर घर पर ही रहना पड़ेगा।
कल वो किसी काम को
हाथ भी न लगाएगी
भूखी-प्यासी आख़िर बेचारी
कर भी क्या पाएगी?
साल में एक ही दिन तो यह त्योहार आता है
जब हर पत्नी को संपूर्ण सत्ता का
स्वाद आता है।"
बॉस कड़के, "तो ना रखे व्रत
पत्नी व्रत नहीं रखेगी तो क्या तुम
जल्दी मर जाओगे
लम्बी उम्र नहीं पाओगे?"
मैं गिड़गिड़ाया, "मरूँगा नहीं सर, मगर
सचमुच मर जाऊँगा, जी नहीं पाऊँगा
वह भी आप ही की तरह कड़क है,
रूठ जाएगी?
मुझे छोड़ कर हमेशा को चली जाएगी
आप नहीं जानते हैं सर, बड़ी मुश्किल से
एक हाथ लगी है, वह भी निकल जाएगी।"
और हमारे जीवन की दाल पतली हो जाएगी!
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