पिता
काव्य साहित्य | कविता संजना15 Jun 2021 (अंक: 183, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
प्रेषक: राजीव डोगरा 'विमल'; (भाषा अध्यापक)
पिता की आँखों में
फ़र्ज़।
माता की आँखों में
ममता।
भाई की आँखों में
प्यार।
बहन की आँखों में
स्नेह।
मित्र की आँखों में
सहयोग।
अमीर की आँखों में
घमण्ड।
ग़रीब की आँखों में
आशा।
दुश्मन की आँखों में
बदला।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं