पुस्तक
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता रमेश ‘आचार्य’13 Nov 2014
अच्छी पुस्तक, प्यारी पुस्तक
हम सबकी दुलारी पुस्तक।
बच्चों को नई राह दिखाती
मानव मूल्य का पाठ पढ़ाती।
नई-पुरानी बात बताती
दूर-दूर का ज्ञान सिखाती।
अच्छे बच्चों को पास बुलाती
आलसी को यह दूर बुलाती।
जब मैडम जी पुस्तक उठाती
सब बच्चों की नींद उड़ जाती।
वह इतनी मीठी गाती
हम सबके मन को भाती।
सरस्वती का रूप है पुस्तक
सद्ज्ञान का स्वरूप है पुस्तक।
पुस्तक का बच्चों क्या कहना
यह तो है जीवन का गहना।
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