प्यार का एहसास
काव्य साहित्य | कविता रीता तिवारी 'रीत'15 Jan 2021 (अंक: 173, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
आँखों में चाहत हो तेरे,
दिल धड़के बस नाम से मेरे।
प्यार का बन जाना एहसास,
रहना हरदम दिल के पास।
दूर रहो या पास रहो तुम,
मेरे दिल की आस रहो तुम।
रंग भरे जीवन में मेरे,
सतरंगी एहसास बनो तुम।
तुझ पर अपना जीवन खोकर,
सीप के मोती जैसी होकर।
जीवन का बढ़े मान हमारे,
रहूँ हमेशा तेरी होकर।
मुझसे दूर कभी ना जाना,
लिखना तुम दिल का अफ़साना।
कभी दूरियाँ ना हों दिल में,
प्यार का ऐसा ताना-बाना।
"रीत" के दिल के मीत बनो तुम,
प्यार की ऐसी रीत बनो तुम।
रहे सुहाना सफर हमारा,
ऐसा जीवनमीत बनो तुम।
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