प्यार (रंजना भाटिया)
काव्य साहित्य | कविता रंजना भाटिया9 Jan 2008
क्यों आज हवा
हर साँस लगती है अपनी
हर फूल ख़ुद का
चेहरा-सा लगता है
मन उड़ रहा है
कुछ यूँ ख़ुश हो के
जैसे इच्छाओं ने
पर लगा लिए हैं
और रूह आज़ाद हो के
तितली हो गई है
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