प्यास
काव्य साहित्य | कविता संजीव कुमार बब्बर27 Feb 2014
बुझती नहीं पानी से
बुझती नहीं धन से
बुझती नहीं प्यार से
बुझती नहीं तन से
बुझती सिर्फ़ संतोष से
प्यास...
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