रिश्ते
कथा साहित्य | लघुकथा दिलबाग विर्क15 Mar 2015
"मीतु-रीतू आए नहीं?"' - सीमा ने अपने पति सुरेश से पूछा।
"नहीं, वे नहीं आएँगे, दीदी को अचानक दिल्ली जाना पड़ गया," - सुरेश ने कहा।
"चलो अच्छा है, आते तो कम-से-कम हज़ार की चपत तो ज़रूर लग जाती," - सीमा ने कुछ सोचते हुए कहा।
"हाँ, ये तो है। महंगाई बहुत है," - सुरेश ने कुछ असहज होते हुए कहा। सीमा से वह असहमत हो ऐसा नहीं, लेकिन ज़िन्दगी के तराजू में रिश्तों का दौलत से हल्का हो जाना उसे अखर गया था।
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