सर्द मौसम
काव्य साहित्य | कविता बृजमोहन स्वामी 'बैरागी'19 Feb 2016
इस सर्द मौसम में
जब भी सर्द हवा
मुझे छूती है,
तो वही अहसास मेरे दिल को
झंझकोर जाते हैं
जो तुमने दिए थे
उस सर्दी के
पहले मिलन पर !...
सर्द हवा गुनगुनाकर
स्पर्श होकर
अहसास कराती है
तुम्हारे
मखमली बदन की ख़ुशबू का!
तुम और मैं,
यहीं कहीं आस-पास खोये हुए हैं
इस सर्द मौसम में....
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