शब्दों के संकेत
काव्य साहित्य | कविता आचार्य बलवन्त2 Jun 2015
अपनी आँखों पर लगे,
पूर्वाग्रह के चश्में को उतारकर,
मुझे दे दो।
फिर उसे देखो, परखो, पुकारो,
हाथों से नहीं, हृदय से उसकी आरती उतारो।
क्योंकि देखना, पहचानने की पहली शर्त है।
मार्गदर्शकों ने तुम्हें नुस्खे बतायें हैं,
सुझाव दिया है,
किन्तु तुमने उन्हें नहीं समझा,
मात्र शब्दों को शास्त्र के रूप में संग्रहित किया है।
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