शराफ़त का जो गाएगा तराना
शायरी | ग़ज़ल बलजीत सिंह 'बेनाम'15 Jan 2020 (अंक: 148, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
शराफ़त का जो गाएगा तराना
उसे ही काट खाएगा ज़माना
जो ख़ुद डूबे हुए हों उनकी ख़ातिर
बताओ लाज़िमी क्या डूब जाना
फ़क़त माँगी मोहब्बत कब कहा था
सितारे आसमाँ से तोड़ लाना
कोई जब थामने वाला न आया
मेरे क़दमों ने छोड़ा लड़खड़ाना
सबब कुछ भी हो इसका पर यक़ीनन
बहुत मुश्किल है खुल के मुस्कुराना
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